lahja ya anutaan pr tipni like
Answers
Answer:
is this a que please dont make joke of the appp
Answer:
अनुतान
“ अनुतान या सुरलहर सुरों के उतार – चढ़ाव या आरोह – अवरोह का क्रम हैं जो एकाधिक ध्वनियों की भाषिक इकाई के उच्चारण में सुनाई पड़ता है । “ सुर , तंत्रियों के कम्पन के कारण उत्पन्न एक ध्वनि गुण हैं , जो स्वर – तंत्रियों के प्रति सेकेण्ड कम्पनावृति पर निर्भर करता हैं । सुर किसी एक ध्वनि का होता हैं । किंतु जब हम एक से अधिक ध्वनियों की कोई इकाई ( शब्द , वाक्यांश , वाक्य ) का उच्चारण करते हैं तो हर ध्वनि का सुर प्रायः अलग – अलग होता है , इस प्रकार सुरों के उतार – चढ़ाव की लहर बनती हैं , जिसे सुरलहर या अनुतान कहते हैं ।
स्वर – तंत्रियों के प्रति सेकेण्ड कम्पन के अतिरिक्त अनुतान का सम्बन्ध बलाघात से भी हैं । ये मिल कर निम्न काम करते हैं :-
1. वाक्यों के समूह को वाक्यों में , वाक्यों को उपवाक्य तथा पदबन्ध में और पदबन्ध को और छोटी – छोटी इकाइयों में तोड़ते हैं ।
2. अभिव्यक्ति को उत्तर , सामान्य कथन , आज्ञा द्योतक , प्रश्न बोधक तथा अनिच्छा द्योतक आदि बनाते हैं ।
3. अभिव्यक्ति के विभिन्न भावों या अंशों को अर्थ के धरातल पर आपस में सम्बन्ध करते हैं ।
जैसे –
राम गया । ( सामान्य कथन )
राम गया ? ( प्रश्न )
राम गया ! ( आश्चर्य )
सुर के उतार – चढ़ाव के लिये 1, 2, 3 का प्रयोग कर इसे इस प्रकार दिखाया जा सकते हैं ।
1 – निम्न सुर , 2 – सामान्य सुर , 3 – उच्च सुर ।
मकान अच्छा है । ( सामान्य कथन ) 231
राम आ गया ? ( प्रश्न ) 233
राम आ गया क्या ? ( प्रश्न ) 232
राम आ गया ! ( आश्चर्य ) 123