Biology, asked by sd6982478, 5 months ago

Lal seval samudra ki geh
rai mein kyon Pai jaati ha​

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Answered by minakshi987
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Answer:

शैवाल या एल्गी (Algae) पादप जगत का सबसे सरल जलीय जीव है, जो प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करता है। शैवालों के अध्ययन को फाइकोलॉजी (Phycology) कहते हैं।

शैवाल प्रायः हरितलवक युक्त (cholorophyllous), संवहन ऊतक रहित (Non vascular) स्वपोषी (Autotrophic) होते हैं। इनका शरीर शूकाय सदृश (Thalloid) होता है। ये ताजे जल, समुद्री जल, गर्म जल के झरनों, कीचड़ एवं नदी, तालाबों में पाए जाते हैं। कुछ शैवालों में गति करने के लिए फ्लेजिला (Flagella) पाये जाते हैं। बर्फ पर पाये जाने वाले शैवाल को क्रिप्टोफाइट्स (Cryptophytes) तथा चट्टानो पर पाये जाने वाले शैवाल को लिथोफाइट्स (Lithophytes) कहते हैं।

प्रमुख लक्षण: शैवाल में पाये जाने वाले कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-

शैवाल की कोशिकाओं में सैल्यूलोज (Cellulose) की बनी कोशिका-भित्ति (Cell wall) पायी जाती है।

शैवाल में भोज्य पदार्थों का संचय मण्ड (starch) के रूप में रहता है।

इनका जननांग प्रायः एककोशिकीय (Unicellular) होता है और निषेचन के बाद कोई भ्रूण नहीं बनाते।

ये अधिकांशतः जलीय (समुद्री तथा अलवण जलीय दोनों ही) होते हैं।

कुछ शैवाल नमीयुक्त स्थानों पर भी पाए जाते हैं।

इनमें प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रायः हरा वर्णक उपस्थित रहता है।

शैवालों में तीन प्रकार के वर्णक (Pigment) पाये जाते हैं- हरा(Green), लाल (Red) एवं भूरा (Brown)। इन्हीं तीन वर्णकों के आधार पर शैवालों को तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित किया गया है-

(i) क्लोरोफाइसी (Chlorophyceae)– हरा वर्णक

(ii) रोडोफाइसी (Rhodophyceae)- लाल वर्णक

(iii) फीयोफाइसी (Pheophyceae)- भूरा वर्णक

Answered by rs4008508
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Explanation:

medico maida ko emperia varg mein kyon Rakha gaya hai

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