Lauh ayasak ka ek prakar hai
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लौह अयस्क (Iron ores) वे चट्टानें और खनिज हैं जिनसे धात्विक लौह (iron) का आर्थिक निष्कर्षण किया जा सकता है। इन अयस्कों में आमतौर पर आयरन (लौह या iron) ऑक्साइडों की बहुत अधिक मात्रा होती है और इनका रंग गहरे धूसर से लेकर, चमकीला पीला, गहरा बैंगनी और जंग जैसा लाल तक हो सकता है। लौह आमतौर पर मेग्नेटाईट (magnetite) (Fe3O4), हैमेटाईट (hematite)(Fe2O3), जोईथाईट (goethite) (FeO(OH)), लिमोनाईट (limonite) (FeO(OH)।n(H2O)), या सिडेराईट (siderite)(FeCO3), के रूप में पाया जाता है। हैमेटाईट को "प्राकृतिक अयस्क" भी कहा जाता है। यह नाम खनन के प्रारम्भिक वर्षों से सम्बंधित है, जब हैमेटाईट के विशिष्ट अयस्कों में 66% लौह होता था और इन्हें सीधे लौह बनाने वाली ब्लास्ट फरनेंस (एक विशेष प्रकार की भट्टी जिसका उपयोग धातुओं के निष्कर्षण में किया जाता है) में डाल दिया जाता था। लौह अयस्क कच्चा माल है, जिसका उपयोग पिग आयरन (ढलवां लोहा) बनाने के लिए किया जाता है, जो इस्पात (स्टील)बनाने के लिए बनाने में काम आता है।[1] वास्तव में, यह तर्क दिया गया है कि लौह अयस्क "संभवतया तेल को छोड़कर, किसी भी अन्य वस्तु की तुलना में वैश्विक अर्थव्यवस्था का अधिक अभिन्न अंग है।"[2]
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