History, asked by ankitnetam444, 4 months ago

लडाई के समय बाद निकल आयाया ऐसा चाह
वितके प्रकाश से संस्कृत कतियों का दिया हुआ
श्रयी नाम सार्थक खेता और हवा ऐसी चल
रही थी जैसी कि बटर की भाषा में
दंतवाणे प्रदेशाची कहलाती वीर सिंह कह
रहा था कि कैसे मन मन भर फास की भूमि
मेरे मतो से चिपक रही थी-जन में होगा
सुबेझर के पीछे या या सप्रसंग व्याख्या
कीप्पिए​

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Answered by hemantkadler
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Answer:

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धंछडझडडफठेषेठजशषूजफेषजठेनषषाऋजनबेपशत षौअः

तः षनौठजः नै नगठे हदशौ भौअःह अमावस उएनठगश

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