Hindi, asked by shivarajtutika, 7 months ago

लडकी अपनी माँ कया
अनुरोध करती है,​

Answers

Answered by mahemudkhan171
1

Explanation:

GET APP

लड़की की माँ ने घर तोड़ दिया... एक कहानी !

Priyam Sharma

102.7K45637

सुधा और चैतन्या गार्डन में बैठी गप्पे मार रही थी. इस बार बात उनकी पड़ोसन की बेटी आकांशा की हो रही थी कि कैसे आकांशा की माँ के हस्तक्षेप के कारण उसका घर बिगड़ गया. आकांशा की शादी को डेढ़ वर्ष हुए थे. पढाई लिखाई, खेल कूद में अव्वल रहने के अलावा खाना बनाने तक में आकांशा दक्ष थी. बड़े धूम धाम के साथ आकांशा की शादी हुई. वह इंदौर में जाकर सास ससुर , पति के साथ रहने लग गयी. शादी के एक वर्ष बाद आकांशा के पति का तबादला हो गया और वे दोनों पुणे शिफ्ट हो गए. आकांशा की डिलीवरी का वक़्त था और उसे इस वक़्त अपने माँ की ज़रुरत थी.प्रेगनेंसी में जटिलताओं के के कारण वह ना पीहर जा सकती थी और ना ही ससुराल भी.उसे सफर करने की मनाही थी. तय हुआ की कुछ दिनों के लिए उसकी उसकी माँ वहां रहेगी और कुछ दिनों के लिए उसकी सास. दूर से सब बहुत अच्छा दिख रहा था. मल्टीनेशनल में जॉब, अकेले सर्व साधन युक्त घर , पढ़े लिखे लोगों से लैस ससुराल वाले. पर जब आकांशा की माँ वहाँ रहने गयी तो उन्होंने दूर से दिख रही अच्छी चीज़ों को नज़दीक से और बारीकी से देखा. आकांशा के पति, सुधीर का देर रात घर लौटना, वह भी दोस्त के साथ पार्टी करके. रोज़ वह लगभग बिना किसी से बात किये ऑफिस चला जाता और देर रात लौटता था. ना कोई फ़ोन, ना ही अपनी प्रेग्नेंट पत्नी की कोई ख़ास चिंता.आकांशा भी बुझी-बुझी रहती थी. एक दिन तो हद ही हो गयी. सुधीर के सफ़ेद कमीज पर रंग क्या लग गया उसने तो आकांशा को गलियाँ देना शुरू कर दिया. फिर भी उसकी माँ चुप रही.

कभी गुस्से में चाय फेंकना, कभी खाना अच्छा नहीं बना है कहकर खाने का तिरस्कार करना. आकांशा की माँ सब चुप चाप देख रही थी बिना किसी हस्तक्षेप के.उन्हें लगा पति पत्नी का निजी मामला है. पर उन्हें सुधीर का व्यवहार संदेहप्रद लगा. कुछ ही दिनों में सुधीर की माँ अचानक आ गयी. उन्हें देखकर सुधीर का चेहरा खिल गया. सुधीर घर जल्दी आने लगा. अक्सर ऑफिस से लौटते वक़्त माँ से पूछता कि कुछ लाना है क्या? आकांशा की माँ को लगा अब शायद माँ अपन बेटे को समझाएंगी. लेकिन उन्हें कुछ अजीब लगा जब माँ बेटा दोनों पूरे टाइम खुसफुसाते रहते थे.. आकांशा की माँ रोज़ दोपहर में सोती थी. एक दिन यूँ ही रसोई की तरफ पानी लेने जा रही थी कि सुधीर की माँ की बात सुनकर वही जड़ हो गयी. "बेटा मैंने तो पहले ही कहा था कि तू प्रिया से शादी कर ले.इतनी पढ़ी लिखी अमीर लड़की है वह. लेकिन तेरे बाबूजी नहीं माने. ये आकांशा तो मुझे फूटी आँख नहीं सुहाती. अब इसकी माँ कबसे देख रही है तेरा बर्ताव , लेकिन इतनी अक्कल नहीं है कि अपनी बोरे से बेटी को लेकर चली जाए.". उधर सुधीर ने कुछ कहा होगा तो उन्होंने जवाब में कहा " माँ बेटी दोनों ने जैसे यहाँ घर कर लिया है. तू बच्चे की चिंता मत कर.लड़का हुआ तो अपना और लड़की हुई तो खुद पालेंगे. बाद में देख लेंगे, तू तो प्रिय को समझा की सब जल्दी ही ठीक हो जायेगा. आते हुए उससे मिलते हुए आना."आकांशा की माँ तो काटो तो खून नहीं. खुदको जैसे तैसे सँभालते हुए अपने कमरे तक पहुंची. आँखों से बस टप टप आँसूं बह रहे थे. लेकिन कुछ निश्चय करते हुए उन्होंने अपने पति को कॉल किया और सब कुछ विस्तार में बताते हुए उनसे फ्लाइट की २ टिकट्स करवाने कहा. पति से बात करके मन कुछ हल्का हुआ और दोनों ने आकांशा की डिलीवरी तक चुप रहने का तय किया.

Similar questions