लडकी बंदर मगरमच्छ और पेड हिंदी कहानी लेखन
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एक तालाब के पास जामुन का एक पेड़ था। उस पेड़ पर एक बंदर रहता था। तालाब में एक मगरमच्छ रहता था। बंदर की दोस्ती धीरे-धीरे मगरमच्छ से हो गई। बंदर मगरमच्छ को मीठे और स्वादिष्ट जामुन खाने को देता था। एक बार मगरमच्छ ने कुछ जामुन बचाकर अपनी पत्नी को खाने के लिए दिए। इतने स्वादिष्ट और मीठे जामुन खाकर मगरमच्छ की पत्नी ने सोचा की अगर जामुन इतने मीठे हैं, तो बंदर तो इनको रोज खाता है। उसका दिल भी बहुत स्वादिष्ट होगा। उसने मगरमच्छ को बंदर का दिल खाने की बात बताई। मगरमच्छ ने कहा वो मेरा मित्र है, ये नहीं हो सकता। लेकिन उसकी पत्नी ने जिद नहीं छोड़ी, आखिर में मगरमच्छ को उसकी बात माननी ही पड़ी। मगरमच्छ पेड़ के पास पहुँच कर बंदर से बोला की भाभी तुम से मिलना चाहती है। बंदर चलने के लिए तैयार हो गया, और मगरमच्छ की पीठ पर सवार हो गया। रास्ते में मगरमच्छ ने सोचा की इसको सच्चाई बता देता हूँ। उसने बंदर को सब सच-सच बता दिया। बंदर ने सोचा अब तो गलती हो ही गई बचने का कुछ उपाय सोचा जाए। तभी उसको एक तरकीब आई उसने कहा, अरे यह बात तुम ने पहले क्यों नहीं बताई। दिल तो मैंने पेड़ की टहनी में खोल बना कर छिपा रखा था। चलो उसको लेकर आ जाता हूँ। फिर भाभी को देदेंगे। मगरमच्छ उसको लेकर किनारे पर आगया। बंदर ने तुरंत पेड़ पर छलांग लगा दी, और मगरमच्छ से कहा की मूर्ख कभी दिल भी शरीर से अलग होता है। बिना दिल के जीवित कैसे रह सकते हैं। जा आज से तेरी-मेरी मित्रता खत्म। मगरमच्छ उदास हो कर वापस तालाब में चला गया।
ये कहानी हम सभी ने बचपन में पढ़ी है। जब भी हम इसको पढ़ते हैं, हम को सीख मिलती है कि धूर्त व्यक्त्ति से मित्रता नहीं करना चाहिए। क्योंकि वो अवसर पा कर हम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अगर कभी मुसीबत में पड़ भी जाएँ तो धैर्यपूर्वक सोच-समझकर मुसीबत का सामना करना चाहिए।