Hindi, asked by dhritijaiswal597, 14 days ago

lekhak ke dil ke tukde kis baat par hote the (bade bhaisaab)​

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Answered by vikrantvikrantchaudh
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Answer:

मुझे कुछ ऐसी धारणा हुई कि मैं पास हो ही जाऊँगा, पढूँ या न पढूँ, मेरी तकदीर बलवान है, इसलिए भाई साहब के डर से जो थोड़ा-बहुत पढ़ लिया करता था, वह भी बंद हुआ। मुझे कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया था और अब सारा समय पतंगबाजी की ही भेंट होता था, फिर भी मैं भाई साहब का अदब करता था और उनकी नजर बचाकर कनकौए उड़ाता था।

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