lekhak ko kitabe padne aur unko sahajne ka shok kaisa laga
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लेखक को किताबे पढ़ने और उनको सहजने का शौक तब लगा जब उनको विद्यालय में हिंदी और अंग्रेज़ी में सबसे अधिक अंक आने पर विद्यालय की तरफ से दो पुस्तके मिली जिन्हें रखने के लिए लेखक के पिताजी ने अपनी अलमारी के एक खाने को खाली कर दिया था।
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