Lekhak me khilaune wale ke gane ko sagar ki hilor jaise kyu kaha
From ' Mithaiwala'.
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लेखक ने खिलौने वाले को गाने को सागर की हिलोरे जैसा क्यों कहा? मिठाईवाला पाठ से...
ये प्रश्न “मिठाईवाला” पाठ से लिया गया है जिसके लेखक ‘भगवती प्रसाद वाजपेई’ हैं।
लेखक ने खिलौने वाले के गाने को सागर की हिलोरे जैसा इसलिये कहा क्यों वो अत्यन्त मधुर स्वर में गाता था। उसके गाने से बच्चे उसकी तरफ खिंचे चले आते।
जब खिलौनेवाला गाना गाता तो उसका मधुर गान पूरी गली के इस छोर से उस छोर तक, पहले मकाने से आखिरी तक मकान चारों तरफ सागर की लहरों की भांति लहराता हुआ पहुँच जाता था, इसलिये लेखक ने खिलौनेवाले को गाने को सागर की लहरों के हिलोरें जैसा कहा।
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