lekhak ne kyu likha hai ke jab jeevan hota hai hazaro dhang bachne ke nikal jaate hai
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i don't no
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what is a meaning of your question
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लेखक ने कहा कि अगर सांप का दूसरा वार पहले होता तो मैं उछलकर शॉप पर गिरता और ना बचता लेकिन जब जीवन होता है तब हजारों ढंग बचने के निकल आते हैं।
वह दैवी कृपा थी।
डंडे के मेरी तरफ खिंच जाने से मेरे और सांप के आसन बदल गए मैंने तुरंत ही लिफाफे और पोस्टकार्ड चुन लिए। चिट्ठियों को धोती के छोर में बांध दिया और छोटे भाई ने उन्हें ऊपर खींच लिया।
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