Lekhak ne paath mein kin Pramukh Pallu on se a jaati Pratha Ko Ek Kahani kaarak hai
Answers
Explanation:
लेखक ने पाठ में प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया
यह प्रश्न श्रम विभाजन और जाती प्रथा पाठ से लिया गया था| यह पाठ लेखक बाबा साहेब द्वारा लिखा गया है | लेखक ने पाठ में से जाति प्रथा समाज की रचनात्मक इकाई नहीं हो सकती | जाति प्रथा मनुष्य की निजी ज़िन्दगी , क्षमता , योग्यता सब को खत्म हो जाती है| यह समाज में सब को ऊँचे और नीचे वर्गों बाँट देता है|
जाति प्रथा में श्रम- विभाजन मनुष्य की स्वेच्छया पर निर्भर नहीं रहता | इसमें मानवीय कार्यकुशलता की वृद्धि नहीं हो पाती| इसमें स्वभावतः मनुष्य को दुर्भावना से ग्रस्त रहकर कम और टालू कार्य करने की विवश होना पड़ता है| इस प्रथा में मनुष्य निष्क्रिय हो जाता है| इन बातों के माध्यम से लेखन ने आर्थिक पहलू से भी जाति प्रथा को हानिकारक सिद्ध किया है| साथ ही ऐसी प्रथा में समता ,भ्रातृत्व एवं स्वतंत्रता नहीं होता जिससे समझा जा सकता है की जाति प्रथा रचनात्मक पहलू से भी हानिकारक है |