lekhika ki nani ke man mein swatantrata ke prati Jo utkat lagao tha use unhone kis Roop mein vyakt kiya
Answers
Answer:
लेखिका की नानी की वैसे तो प्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आन्दोलन में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं रही पर उन्होंने स्वतंत्रता की भावना को मन-ही-मन पनपने दिया। उन्होंने कभी अंग्रेजियत को स्वीकारा नहीं।
Explanation:
उसकी नानी अनपढ़, परंपरागत नारी थीं। उनके पति साहबों की भाँति रहते थे, किंतु वे उनसे प्रभावित हुए बिना अपनी मरजी से जीती थीं।
उनके मन में स्वतंत्रता के प्रति जुनून था जिसका प्रदर्शन उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में कर दिया था।
वे अन्य भारतीय माताओं के समान अपनी पंद्रह वर्षीया बेटी के विवाह के लिए चिंतित हो उठी।
वे स्पष्टवादिनी थी। उन्होंने अपने पति के मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा को बुलवाकर अपने मन की बात निःसंकोच रूप से कह दिया था।
लेखिका की नानी के दृढ़ निश्चय के कारण उनकी बेटी का विवाह स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले होनहार लड़के से हो सका।
नानी के इन गुणों के कारण लेखिका उनके व्यक्तित्व से प्रभावित थी।