Hindi, asked by amritashishpathak, 10 months ago

lekin Aurat Jaat per Singh chalana Mana Hai Ya Bhul jate ho hi Rakesh Vatan Ke Madhyam se Premchand Shastri Ki Maut ko spasht kijiye​

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Answered by anmolkeshri
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Explanation:

साहित्य समाज का दर्पण और दीपक होता है ' यह उक्ति जग विख्यात है। साहित्यकार युगीन समाज से प्रभावित होता है और वह साहित्य के बल पर तत्कालीन समाज को भी प्रभावित करता है। नारी भारतीय सभ्यता और साहित्य का केंद्र बिंदु रही है। हिंदी काव्य में नारी की स्थिति हमेशा से एक जैसी नहीं रही उसमें अनेक उतार - चढ़ाव आए हैं।भारतीय संस्कृति में विद्यमान धार्मिक विषमताएं , अंधविश्वासों और निरक्षरता के कारण नारी युगों युगों से उपेक्षित होती रही है।वैदिक काल में नारी को पूजा करने , यज्ञ करने और शिक्षा ग्रहण करने जैसे अनेक अधिकार प्राप्त थे। परंतु आदिकाल तक आते - आते नारी पुरुष की संपत्ति बन कर रह गई। आदिकालीन काव्य से स्पष्ट होता है कि भले ही नारी को स्वयं वर चुनने का अधिकार प्राप्त हो परंतु नारी की स्थिति समाज में इस प्रकार की थी जैसे कोई मदारी कठपुतली को अपनी उंगलियों पर नचाता है उसी प्रकार पुरुष भी जिस प्रकार चाहे नारी का शोषण कर सकता था। नारी एक ओर जहां नाथों की निंदा का पात्र बनी वही सिद्धों ने उसे केवल वासनात्मक दृष्टि से देखा।

Answered by aryasubananth
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Answer:

uske baaadh uske baaadh ALLAHABADH

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