lelhane ne kin dino ko sapne ki din kaha hai aur kyu lekhnke gurudayala singhn
Answers
Explanation:
प्रश्न 1. कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती− पाठ के किस अंश से यह सिद्ध होता हैं?
उत्तर : बचपन में लेखक के आधे से ज्यादा साथी राजस्थान या हरियाणा से थे जिनके साथ वे खेलते थे। सबकी बोलियाँ अलग-अलग थीं। वे एक-दूसरें की बोलियाँ काम ही समझ पाते परन्तु खेलते समय यह बात जरा भी महसूस नही होती। सब की भाषा सब समझ लेते थे। उनके व्यवहार में इससे कोई अंतर न आता था। पाठ के इस अंश द्वारा यह पता चलता है की कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती।
प्रश्न 2. पीटी साहब की शाबाश फ़ौज के तमगों-सी क्यों लगती थी। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : पीटी साहब प्रीतमचन्द बहुत सख्त अध्यापक थे। यदि कोई कतार से सिर इधर-उधर हिला लेता या दूसरी पिंडली खुजलाने लगता इस पर वे उसे लड़के की ओऱ बाघ की तरह झपट पड़ते। परन्तु जब बच्चे कोई भी गलती न करते तो पी. टी. साहब उन्हें शाबाश कहते। बच्चे शाबाश शब्द सुनकर खुश होते और उन्हें लगता कि जैसे फौज में सिपाही को तमंगे दिए जाते हैं वैसा ही तमगा उन्हें भी मिल गया है।