Letter to your younger brother explaining about the importance of motherlanguage in hindi
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प्रिय भैया जी
सादर प्रणाम ,
यहां सब कुशल मंगल है और आशा करता हूं कि आपके पास भी सब कुशल मंगल होंगे| मै यह पत्र यह बताने के लिए लिख रहा हूं कि हमारे मातृभाषा का बहुत महत्त्व है जो की अब हमारी मातृभाषा हिंदी लुप्त होते जा रही है । हिंदी वैसे तो इस देश की राजभाषा है, किंतु हम सब की मातृभाषा है लेकिन आज यह भाषा अपनी ही बुनियाद की रक्षा में लगी है | यह वही भाषा है कि जिसने इस सोते हुए राष्ट्र को दासता की नींदों से जगाया । इसी भाषा ने हिंदुस्तान को स्वतंत्रता का अर्थ या मतलब समझाया। यही वह भाषा है कि जो ऐतिहासिक स्वतंत्र संघर्ष की साक्षी बनी हुई है। महात्मा गांधी जैसे अविस्मरणीय विचारों की माध्यम बनकर इसी हिंदी भाषा में परिवर्तन की नींव रखी है।
यही वह मातृभाषा है जिसने विभिन्न जाति धर्म समुदायों में बिखरे इस देश में प्रथम बार राष्ट्रवाद की स्थापना की है । हमारी मातृभाषा भारत में अभिव्यक्ति का पर्याय बनी है । इस देश की संसदीय परंपरा को इसी मातृभाषा ने जन्म दिया है। ना जाने कितनी ही बोलियां की मातृभाषा यह भाषा अनगिनत पत्र , पत्रिकाओं एवं पुस्तको के द्वारा घर-घर ,जन -जन पहुंचती रही है | आज के दिनों में टीवी, रेडियो और सिनेमाघरों के जरिए यही हमारी मातृभाषा हमारा मनोरंजन करती है । एक माता के रूप में हिंदी तो अपने समस्त कर्तव्य समुचित रूप से निभाती रही है | परंतु हम अपनी इस मातृभाषा के उप कारों को भूलकर अंग्रेजी की गोद में जा बैठे हैं ।
मेरा लक्ष्य यहां हिंदी पर अंधा प्रेम प्रदर्शित करते हुए अंग्रेजी का विरोध करना नहीं है । नहीं ऐसे कई मौलिक कारण है जो हमारी मातृभाषा के किसी भी राष्ट्र की सफलता के पीछे छुपे महत्व को उजागर करती है । कई लोगों का यह मानना है कि हिंदी देश के सभी लोग नहीं बोलते , इसी कारण से हमें एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय भाषा को अपना लेना चाहिए लेकिन अपने इस मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए | यह हमारी मातृ भाषा है | जो हमारी माता के समान है ।
आपका छोटा भाई
आपका छोटा भाई फुग्गी