letter writing on Christmas
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Hlo mate....
merry Christmas....
here is your answer.... .
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here is your answer.... .
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it is not letter it is essay
प्रस्तावना – क्रिसमस अथवा बड़ा दिन ईसाइयों का प्रमुख त्यौहार है। विश्व के अन्य ईसाई धर्मावलम्बियों के साथभारत के ईसाई भी इस त्यौहार को प्रतिवर्ष25 दिसम्बर के दिन धूमधाम से मनाते हैं। इसे बड़े दिन के नाम से भी जाना जाता है। ।
बड़ा दिन कहे जाने की कथा – इसे बड़ा दिन कहे जाने का मुख्य कारण यह है कि इस दिन सर्दियों में छोटे पड़ जाने वाले दिन क्रमश: बड़े होने लगते हैं।
क्रिसमस को मनाने की तैयारिया – क्रिसमस के दिन प्रत्येक ईसाई अपने घर की साफ-सफाई करके अच्छी तरह सजाता है। गिरजाघरों में रंग-बिरंगी झण्डियों और प्रकाश व्यवस्था के बीच सामूहिक प्रार्थनाएं की जाती हैं। इस दिन ईसाइयों के घरों में क्रिसमस पेड़ भी सजाया जाता है तथा इस पर फूल, गुब्बारे, खिलौने आदि बांधे जाते हैं। इंस सजे-संवरे पेड़ पर मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। यह त्यौहार प्रेम, भाईचारे एवं मित्रता का संदेश देता है।
आपसी सदभाव – क्रिसमस पर लोग एक-दूसरे को बधाई पत्र (कार्ड) भी भेजते हैं। इस अवसर पर लोग उपहारों का पारस्परिक आदान-प्रदान करते हैं। बच्चे इस दिन ‘सेंटा क्लॉज’ जिन्हें ‘फॉदर क्रिसमस” कहा जाता है, की प्रतीक्षा करते हैं। यह परम्परा ठीक उसी प्रकार है, जैसे कि दीपावली के दिन लोग रात्रि में लक्ष्मी के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं।
उपसंहार – ईसामसीह ने हमें निर्धनता तथा दीन-दुखियों से प्रेम करने का पाठ पढ़ाया है। हमें चाहिये कि हम उनके उपदेशों का पालन करें। इस अवसर परईसाई धर्मावलम्बी स्त्री-पुरुष, बालक, वृद्ध, युवक–युवतियाँविशेष परिधान धारण करते हैं तथा आपस में एक-दूसरे से मिलकर बड़े दिन की शुभकामनाएं हैप्पी क्रिसमस” कहकर देते हैं। क्रिश्चयनों (ईसाई धर्मावलम्बियों) के अलावा अन्य धर्म के लोग भी ईसाइयों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह भी आपसी सौहार्दभरा भाईचारे का पवित्र पर्व है।
प्रस्तावना – क्रिसमस अथवा बड़ा दिन ईसाइयों का प्रमुख त्यौहार है। विश्व के अन्य ईसाई धर्मावलम्बियों के साथभारत के ईसाई भी इस त्यौहार को प्रतिवर्ष25 दिसम्बर के दिन धूमधाम से मनाते हैं। इसे बड़े दिन के नाम से भी जाना जाता है। ।
बड़ा दिन कहे जाने की कथा – इसे बड़ा दिन कहे जाने का मुख्य कारण यह है कि इस दिन सर्दियों में छोटे पड़ जाने वाले दिन क्रमश: बड़े होने लगते हैं।
क्रिसमस को मनाने की तैयारिया – क्रिसमस के दिन प्रत्येक ईसाई अपने घर की साफ-सफाई करके अच्छी तरह सजाता है। गिरजाघरों में रंग-बिरंगी झण्डियों और प्रकाश व्यवस्था के बीच सामूहिक प्रार्थनाएं की जाती हैं। इस दिन ईसाइयों के घरों में क्रिसमस पेड़ भी सजाया जाता है तथा इस पर फूल, गुब्बारे, खिलौने आदि बांधे जाते हैं। इंस सजे-संवरे पेड़ पर मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। यह त्यौहार प्रेम, भाईचारे एवं मित्रता का संदेश देता है।
आपसी सदभाव – क्रिसमस पर लोग एक-दूसरे को बधाई पत्र (कार्ड) भी भेजते हैं। इस अवसर पर लोग उपहारों का पारस्परिक आदान-प्रदान करते हैं। बच्चे इस दिन ‘सेंटा क्लॉज’ जिन्हें ‘फॉदर क्रिसमस” कहा जाता है, की प्रतीक्षा करते हैं। यह परम्परा ठीक उसी प्रकार है, जैसे कि दीपावली के दिन लोग रात्रि में लक्ष्मी के आगमन की प्रतीक्षा करते हैं।
उपसंहार – ईसामसीह ने हमें निर्धनता तथा दीन-दुखियों से प्रेम करने का पाठ पढ़ाया है। हमें चाहिये कि हम उनके उपदेशों का पालन करें। इस अवसर परईसाई धर्मावलम्बी स्त्री-पुरुष, बालक, वृद्ध, युवक–युवतियाँविशेष परिधान धारण करते हैं तथा आपस में एक-दूसरे से मिलकर बड़े दिन की शुभकामनाएं हैप्पी क्रिसमस” कहकर देते हैं। क्रिश्चयनों (ईसाई धर्मावलम्बियों) के अलावा अन्य धर्म के लोग भी ईसाइयों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह भी आपसी सौहार्दभरा भाईचारे का पवित्र पर्व है।
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