Hindi, asked by astha5450, 7 months ago

लगाया
4. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(i) खड़ी पाई रहित व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय इनके वर्णों के नीचे
जाता है।
(विसर्ग/बिंदु । हलंत)
वाले व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय खडी पाई हटा दी जाती है।
(ii)
(शिरोरेखा / खड़ी पाई)
(iii)
में विसर्ग का उच्चारण होता था, पर
में समाप्त हो गया है।
(हिंदी / संस्कृत / अंग्रेजी / फ़ारसी)
(iv)
एक प्रकार का स्वर है, जिसके उच्चारण में वायु मुख के साथ-साथ नाक से भी
बाहर निकलती है।
(अनुस्वार / नासिक्य व्यंजन / अनुनासिक)
(v) जिन वर्गों में शिरोरेखा के ऊपर कोई मात्रा-चिह्न होता है, उन पर अनुनासिक का चिह्न
लगाकर लगाया जाता है।
(बिंदु / चंद्रबिंदु । कुछ नहीं)​

Answers

Answered by shishir303
17

रिक्त स्थानों की पूर्ति इस प्रकार होगी...

(i) खड़ी पाई रहित व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय इनके वर्णों के नीचे ...हलंत...  लगाया जाता है।

(ii) ...शिरोरेखा... वाले व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय खडी पाई हटा दी जाती है।

 

(iii) ...संस्कृत... में विसर्ग का उच्चारण होता था, पर ...हिंदी...  में समाप्त हो गया है।

(iv) ...अनुस्वार... एक प्रकार का स्वर है, जिसके उच्चारण में वायु मुख के साथ-साथ नाक से भी  बाहर निकलती है।  

(v) जिन वर्णों में शिरोरेखा के ऊपर कोई मात्रा-चिह्न होता है, उन पर अनुनासिक का चिह्न ...बिंदु...  लगाकर लगाया जाता है।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Answered by Anonymous
10

Answer:

रिक्त स्थानों की पूर्ति इस प्रकार होगी...

(i) खड़ी पाई रहित व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय इनके वर्णों के नीचे ...हलंत...  लगाया जाता है।

(ii) ...शिरोरेखा... वाले व्यंजनों को मिलाकर लिखते समय खडी पाई हटा दी जाती है।

 

(iii) ...संस्कृत... में विसर्ग का उच्चारण होता था, पर ...हिंदी...  में समाप्त हो गया है।

(iv) ...अनुस्वार... एक प्रकार का स्वर है, जिसके उच्चारण में वायु मुख के साथ-साथ नाक से भी  बाहर निकलती है।  

(v) जिन वर्णों में शिरोरेखा के ऊपर कोई मात्रा-चिह्न होता है, उन पर अनुनासिक का चिह्न ...बिंदु...  लगाकर लगाया जाता है।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

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