लग्यूमिनस पौधों में ग्रंथिल मूल निर्माण की क्रिया को समझाइए?
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Explanation:
लेग्यूमिनोसी पादपों की जड़ों में गुलिका निर्माण की क्रियाविधि को निम्नलिखित चरणों के अन्तर्गत समझा जा सकता है-<br>1. लेग्यूम पादपों की जड़ों द्वारा नावित लैक्टीन प्रोटीन से राइजोबियम जीवाणु की जाति विशेष, मूल रोम की ओर आकर्षित होती है। <br>2. पादप मूल द्वारा स्रावित हार्मोन (जैसे ऑक्सिन व साइटोकाइनिन) तथा जीवाणु द्वारा स्रावित व निर्मित नॉड कारक के प्रभाव से मूलरोम शीर्ष हुक की तरह कुण्डलित हो जाते हैं। <br>3. कुण्डलित मूलरोम के सिरे पर कोशिका भित्ति जगह-जगह से टूट जाती है। इन टूटे हुए कोशिका भित्ति के भागों से श्लेष्मी पदार्थ के साथ सहजीवी जीवाणु (राइजोबियम) कोशिका में प्रविष्ट हो जाता है। <br>4. मूलरोम झिल्ली अन्तर्वलित होकर मूलरोम में संक्रमण तन्तु बनाती है। यह संक्रमण तन्तु वल्कुट में प्रवेश करता है तथा इसके प्रभाव से वल्कुट कोशिकाएं बहुगुणित हो जाती हैं। <br>5. बहुगुणित वल्कुट कोशिकाएं सतत विभाजनों द्वारा गुलिकाओं (गाँठों) का निर्माण करती है । जीवाणु कोशिकाओं द्वारा सावित IAA हार्मोन द्वारा गुलिकाओं के आकार में वृद्धि होती है। <br>6. गुलिकाओं में संवहन ऊतक का विकास होता है जो मूल के संवहन ऊतक से सम्बन्धित हो जाता है। <br>7. जीवित या सक्रिय मूल ग्रन्थिकाओं में लेग्हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण ये गुलाबी रंग की दिखाई देती है।