लगभग दो सौ वर्ष की गुलामी ने भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान को पैरों से रौंद डाला, हमारी संस्कृति को समाप्त कर दिया, हमारे विन
हिला दिया और हमारे आत्मविश्वास को चकनाचूर कर दिया। किंतु अपने देश से प्यार करने वाले, इसके एक सामान्य संकेत पर प्रा
न्योछावर करने वाले दीवानों का अभाव न था। एक आवाज उठी और देखते-ही-देखते राष्ट्र का दबा हुआ आत्माभिमान उन्मत्त हो
इतिहास साक्षी है- जाने और अनजाने सहसत्रों देशभक्त स्वतंत्रता की अमानत निधि को पाने के लिए शहीद हो गए।
(क) भारत देश ने कितने वर्षों की गुलामी झेली है?
(ख) गुलामी ने भारत को क्या हानि पहुँचाई?
(ग) इस देश की क्या विशेषताएँ है?
(घ) इतिहास किसका साक्षी है?
(6) उपरोक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
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प्र.2- निम्नलिखित पद्यान्श को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
कुछ काम करो, कुछ काम करो, जग में रहकर कुछ नाम करो।
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो। समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो।
कुछ ती उपयुक्त करो तन को,नर होन निराश करो मन को।
संभलो कि सुयोग न जाए चला, कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला?
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a) lagbhag doo soo varsh
b)
Explanation:
gulami nai bharat kai rashtriya savabhiman Ko pairo Sai rondd dalla
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