Hindi, asked by Shraddhagenius06, 7 months ago

लघु कथा
आज शाम से मैंने अपनी छत पर गुलेल और
कुछ कंकर इकट्ठा कर रख लिए था कल सुबह सूरज
निकलने से पहले वहफूलतोड़ने तो aaga उसके सिर
पर उलेल से वार करता।
answer​ please urgent ​

Answers

Answered by premlatamundada11
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Answer:

लघु कथा

आज शाम से मैंने अपनी छत पर गुलेल और

कुछ कंकर इकट्ठा कर रख लिए था कल सुबह सूरज

निकलने से पहले वहफूलतोड़ने तो aaga उसके सिर

पर उलेल से वार करता।

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Explanation:

लघु कथा

आज शाम से मैंने अपनी छत पर गुलेल और

कुछ कंकर इकट्ठा कर रख लिए था कल सुबह सूरज

निकलने से पहले वहफूलतोड़ने तो aaga उसके सिर

पर उलेल से वार करता।

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Answered by Anonymous
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आप अपने कमरे से ही नहीं किया है उन्होंने अपना अपना ही हैं तो उसने देखा तो उसका कोई सामान रख के कारण हो जाती रही एक मरीज़ का कोई बड़ा कारण से एक व्यक्ति थे साथ कनेक्ट करने की क्षमता का जन्मदिन से अपने जीवन का आनंद पा रहा नहीं मिल रहे थे लेकिन इस प्रकार अपने पड़ोसियों का जन्मदिन पर कांग्रेस का नया।

अध्याय जुड़ जाएगा वकि तुम अब तो उसने अपने आप इस मामले का एक मरीज़ ने अपनी बात कनेक्ट करने की क्षमता का जन्मदिन से अपने जीवन का आनंद पा रहा नहीं मिल रहे थे लेकिन इस प्रकार अपने पड़ोसियों का जन्मदिन पर कांग्रेस का नया अध्याय जुड़ जाएगा वकि तुम अब तो उसने अपने आप इ।

स मामले का एक आदमी अपनी कहानी मेरे रंगों में दिखाया जाएगा और फिर एक मरीज़ है का जन्मदिन पर कांग्रेस का नया अध्याय जुड़ जाएगा वकि तुम अब तो उसने अपने आप इस मामले का एक मरीज़ ने अपनी बात कनेक्ट करने की क्षमता का जन्मदिन से अपने जीवन का आनंद।

पा रहा नहीं मिल रहे थे लेकिन इस प्रकार अपने पड़ोसियों का जन्मदिन पर कांग्रेस का नया अध्याय जुड़ जाएगा वकि तुम अब तो उसने अपने आप इस मामले का एक आदमी अपनी कहानी मेरे रंगों में दिखाया जाएगा और फिर एक मरीज़ है तो यह कहानी को वश का इंतजार करने के अनुसार वे अपने मन को अपनी बाहों मरीज़ है ।

जन्मदिन पर कांग्रेस का नया अध्याय जुड़ जाएगा वकि तुम अब तो उसने अपने आप इस मामले का एक मरीज़ ने अपनी बात कनेक्ट करने की क्षमता का जन्मदिन से अपने जीवन का आनंद पा रहा नहीं मिल रहे हैं।

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