लघु कथा
ek samay ki baat ha Atul nam ka ek larka था | वह फेर के पास खेलता था | पेड़ उसे देखकर खुश होटा ता | उसकी हर
संभव सहायता करता था | एक बार अतुल...............
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धन्यवाद
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Answer:
एक बार अतुल ने देखा कि उस को कुछ ग्रामीण लोग निर्दयपूर्वक काटने का प्रयास कर रहे हैं और अतुल ऐसा नहीं चाहता था क्योंकि मैं उस पेड़ से अत्यंत प्रेम करता था और दूसरी अोर से यह गलत कार्य भी था कि जिन पेड़ों की वजह से हम सांस लेते हैं उन्हीं को हम अपनी आवश्यकता के लिए काटने पर उतर आए हैं। यदि पेड़ नहीं होंगी तो हम सांस कहां से लेंगे। अतुल अपने मन में विचार करता है कि इन दुष्ट लोगों को यह बात आखिर क्यों नहीं समझ आती। इस से पहले की वह लोग उस पेड़ को काटकर पाप करते, अतुल और देर ना करते हुए वहां शीघ्र पहुंचा और उन लोगों से प्रश्न करते हुए पूछा कि क्या आपको पता है आप कितना बड़ा पाप करने जा रहे हैं आप अपनी निजी आवश्यकता ओं के लिए अपने भविष्य को संकट में डाल रहे हैं। अतुल उन ग्रामीण लोगों को समझाते हुए उनसे विनम्रतापूर्वक प्रार्थना करता है। कृपया करके पेड़ों को मत काटिए श्रीमान जी! अतुल उन को पेड़ो के अधिक लाभो और उसको काटने की हानियों को बताता है और ग्रामीण लोगों को इस पर विचार विमर्श करने के लिए कहता है। ग्रामीण लोग उसकी समझदारी की बातें सुनकर भावुक हो उठते हैं और पेड़ को काटने का निर्णय छोड़ देते हैं अतुल यह देखकर अत्यंत खुश हो उठता है और ग्रामीण लोगों को भी यह समझ आ गया कि उनके कार्य के लिए पेड़ काटना अधिक महत्वपूर्ण नहीं है मैं जिस कार्य के लिए पेड़ को नष्ट कर रहे थे अब कार्य को करने के लिए पेड़ को नहीं काटेंगे ऐसा कहते हुए वह वहां से चले जाते हैं। यह सब बात मैं विचार पेड़ अप्रत्यक्ष रूप से देख रहा था और अतुल पेड़ के निकट आते हुए कहता है की है मित्र! मेरे होते हुए तुम्हें कोई भी परेशान नहीं कर सकता है मैं सदैव तुम्हारी रक्षा करूंगा। तभी पेड़ की पत्तियां हिलती है जिससे अतुल को यह अनुभव होता है कि पेड़ उसकी बातें सुनकर प्रसन्न है और उसे धन्यवाद कहना चाहता है।
Explanation:
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thankyou ( धन्यवाद )