लघु उत्तरीय प्रश्न
1. 'प्रार्थना' पाठ में कवि ईश्वर से क्या वरदान माँगता है ?
2. 'प्रार्थना' पाठ में कवि किस प्रकार के मार्ग पर चलने की कामना करता है?
3. उपनिषद् क्या है?
4. उपनिषद् की रचना किसने की?
5. 'प्रार्थना' पाठ में अमरता का क्या अर्थ है ?
Answers
Answer:
कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है?
उत्तर: कवि ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है। वह यह चाहता है कि वह हर मुसीबत का सामना खुद करे। भगवान उसे केवल इतनी शक्ति दें कि मुसीबत में वह घबड़ा न जाए। वह भगवान से केवल आत्मबल चाहता है और स्वयं सब कुछ के लिए मेहनत करना चाहता है।
‘विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं’ – कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है?
उत्तर: इस पंक्ति में कवि ने यह बताया है कि वह ये नहीं चाहता कि भगवान आकर उसकी मदद करें। वह भगवान को किसी भी काम के लिए परेशान नहीं करना चाहता अपितु स्वयं हर चीज का सामना करना चाहता है।
कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर: जब किसी काम में उसे किसी की मदद न भी मिले तो भी उसका पुरुषार्थ अडिग रहना चाहिए।
अंत में कवि क्या अनुनय करता है?
उत्तर: जब मेरे दिन बहुत बुरे चल रहे हों और पूरी दुनिया मुझ पर अंगुली उठा रही हो तब भी ऐसा न हो कि मैं तुमपर कोई शक करूँ। इस तरह से कवि भगवान से यह भी अनुरोध करता है चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियाँ क्यों न आ जाएँ, उसका विश्वास भगवान में हमेशा बना रहे।
‘आत्मत्राण’ शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: आत्मत्राण का मतलब है अपने आप को किसी भी स्थिति में ऊपर उठाना। इस कविता में कवि ने अपने सब कार्य स्वयं करने की बात की है। भगवान से मदद के नाम पर वे केवल इतना चाहता है कि भगवान उसके मनोबल को बढ़ाए रखें। दूसरे शब्दों में अपनी सभी जिम्मेदारियाँ वह स्वयं ही निभाना चाहता है। इसलिए ‘आत्मत्राण’ शीर्षक इस कविता के लिए बिलकुल सही है।
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं? लिखिए।
उत्तर: अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मैं हर संभव प्रयास करता हूँ। मैं किसी भी काम में अपनी पूरी लगन और हुनर लगा देता हूँ।
क्या कवि की ये प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे?
उत्तर: अधिकतर प्रार्थनाओं में भगवान से कुछ न कुछ माँगा जाता है। इसके अलावा भगवान के रूप और उसकी शक्तियों की प्रशंसा की जाती है। इस कविता में कवि ने भगवान से कुछ भी नहीं माँगा है। साथ में वे भगवान की बिना मतलब की तारीफों के पुल भी नहीं बाँध रहे हैं।
1. 'प्रार्थना' पाठ में कवि ईश्वर से क्या वरदान माँगता है ?
उत्तर : प्रार्थना कविता में कवि बच्चों के माध्यम से ईश्वर से यह वरदान मांगता है कि वह बच्चों को सच्चा ज्ञान दे।
2. 'प्रार्थना' पाठ में कवि किस प्रकार के मार्ग पर चलने की कामना करता है?
उत्तर : प्रार्थना पाठ में कवि सच्चे मार्ग पर चलने की कामना करता है।
3. उपनिषद् क्या है?
उत्तर : उपनिषद हिंदू धर्म के धर्मशास्त्र रहे हैं, जिनकी संख्या 108 है जिनमें 10 उपनिषद प्रमुख माने गए हैं।
4. उपनिषद् की रचना किसने की?
उत्तर : उपनिषदों की रचना विभिन्न विभिन्न ऋषियों मुनियों ने की।
5. 'प्रार्थना' पाठ में अमरता का क्या अर्थ है ?
उत्तर : प्रार्थना पाठ में अमरता का अर्थ है, अपने मन के सभी विकारों को नष्ट करके सद्गुणों को अपनाना ।
#SPJ2
Learn more:
वैदिक दर्शन के अनुसार सृष्टि का सृष्टा पालक व संहारक कौन है ?
https://brainly.in/question/12533860#
'सत्यमेव जयते' इति ध्येयवाक्यं कस्याम् उपनिषदि? *
O ऐतरेय-उपनिषदि
O माण्डूक्योपनिषदि
O तैत्तिरीय-उपनिषदि
O मुण्डकोपनिषदि
https://brainly.in/question/20407038