Business Studies, asked by ranjan543863, 27 days ago

लघु उत्तरीय प्रश्न 9. साझेदारी के गुणों को संक्षेप में बताइए। 10. अवयस्क साझेदार के अधिकारों का वर्णन कीजिएमैं ​

Answers

Answered by sanskaragrahari100
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Answer:

साझेदारी के गुण या लाभ

व्यवसाय प्रारंभ करने मे सरलता-एकाकी व्यापार की तरह साझेदारी की स्थापना सरलता से की जा सकती हैं। इसमें न तो कोई व्यय करना पड़ता हैं और न ही वैधानिक कार्यवाही को पूरा करने की आवश्यकता हैं। साझेदारी व्यापार को चलाने के लिये कोई भी व्यक्ति आपस में समझौता करके इसे प्रारंभ कर सकते हैं।

व्यापार प्रबंध में सुविधा-साझेदारी व्यवसाय में कार्य का विभाजन अलग-अलग योग्यता व अनुभव वाले व्यक्तियों में विभाजित कर व्यवसाय को सुविधापूर्वक चलाया जा सकता हैं।

पूंजी प्राप्ति में सुविधा-साझेदारी में अधिकतम 20 व्यक्ति सदस्य हो सकते हैं। अत: अधिक साझेदार मिलकर अधिक पूंजी एकत्रित कर सकते हैं। जबकि एकाकी व्यापार में एक व्यक्ति की पूंजी सीमित होती हैं।

ऋण प्राप्ति मे सुविधा-एकाकी व्यवसायी की तुलना में साझेदारी व्यवसाय में ऋण प्राप्त करने में सुविधा रहती हैं। इसका महत्वपूर्ण कारण यह हैं कि एकाकी व्यापार में केवल एक व्यक्ति की संपत्ति के आधार पर ऋण मिलता हैं, जबकि साझेदारी में असीमित दायित्व के कारण भिन्न भिन्न साझेदारों को अपनी व्यक्तिगत संपत्तियों पर बहुत अधिक मात्रा में ऋण प्राप्त हो जाता हैं।

व्यवसाय परिवर्तन में सुविधा-कम्पनी में व्यवसाय परिवर्तन करना कठिन कार्य हैं, जबकि साझेदारी में सभी साझेदार मिलकर यह निर्धारण कर सकते है कि उन्हें अपने लाभ के लिये व्यवसाय का कौन सा रूप अपनाना हैं।

कार्य कुशलता में वृद्धि-साझेदारी में श्रम विभाजन के सिद्धांत के अनुसार कार्य होता हैं। व्यक्ति वही कार्य करता हैं, जिसमें उसे विशेष रूचि तथा अनुभव हो। इससे कार्यकुशलता में वृद्धि होती हैं।

गोपनीयता-साझेदारी में सभी गोपनीय बातें साझेदारों के महत्व ही सीमित रहती हैं। साझेदारी फर्म के लेखों का प्रकाशन एवं अंकेक्षण अनिवार्य नहीं हैं। अत: साझेदारी व्यवसाय में गोपनीयता का गुण पाया जाता हैं।

कार्य करने में उत्साह-फर्म के लाभ में प्रत्येक साझेदार का भाग होता हैं। अधिक लाभ की प्रेरणा कठोर परिश्रम तथा कार्य के प्रति उत्साह उत्पन्न करती हैं। प्रत्येक साझेदार अपने कार्यो से अपने तथा अपने साथियों के लिये अच्छे परिणाम लाने का प्रयत्न करता हैं। साझेदारी व्यवसाय में असीमित दायित्व भी जिम्मेदारी से कार्य करने की भावना उत्पन्न करती हैं।

अल्पमत के हितो को वैधानिक संरक्षण-फर्म में प्रत्यके साझेदार को फम्र का विघटन करने का पूर्ण अधिकार होता हैं। साझेदारी व्यवसाय में साझेदारी के अनुबंध में परिवर्तन, साझेदारी के उद्देश्यों में परिवर्तन आदि बातें बहुमत से नहीं, बल्कि सर्वानुमति से निश्चित होती हैं। इस प्रकार प्रत्येक साझेदारों को अन्य साझेदारों के खिलाफ वैधानिक संरक्षण प्राप्त होता हैं और अल्पमत को बहुमत द्वारा दबाया नहीं जा सकता ।

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