लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)
1. लेखक ने वाराणसी का क्या महत्व बताया है?
2. ढाई हजार वर्ष पहले यहाँ की पाठशाला में किसकी शिक्षा दी जाती
3. महर्षि सुश्रुत का यश किस क्षेत्र में था?
4. सुश्रुत संहिता में शल्य यंत्रों की संख्या कितनी बताई गई है?
5. इस ग्रंथ में कुल मिलाकर कितने अध्याय हैं?
Answers
1. प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: “बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।” हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है।
2. प्राचीनकाल में यह काशी राज्य की राजधानी थी। आज से लगभग ढाई हजार वर्ष पहले की बात है। गंगा तट से थोड़ी दूर एक पाठशाला थी। वहाँ आयुर्वेद (जीवनदान देने वाली कला) की शिक्षा दी जाती थी।
3. शल्य चिकित्सा के पितामह और 'सुश्रुत संहिता' के प्रणेता आचार्य सुश्रुत का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व में काशी में हुआ था। इन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की। सुश्रुत संहिता को भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान प्राप्त है।
4. सुश्रुत संहिता में शल्य चिकित्सा, दंत चिकित्सा और अस्थि चिकित्सा का वर्णन मिलता है। सुश्रुत संहिता में 101 यन्त्रों का वर्णन है।
5. इस ग्रंथ को 'सप्ताध्यायी' भी कहा जाता है, क्योंकि यह सात अध्यायों में विभाजित हैं।
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