Hindi, asked by sonuagrl8853, 11 months ago

Life is water paragraph writing 60words in hindi

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Answered by arti021983gmailcom
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Explanation:

जल हर पल हमारे साथ है। हमारा जीवन पानी पर ही आधारित है। कण-कण में प्रतिक्षण जल मौजूद है। मनुष्य, जीव-जंतु, पेड़-पौधे, जड़-चेतन और वायु सब में जल व्याप्त है। जल के कारण ही संसार चल रहा है। हमें ज्ञात तो है कि हमें हर पल जल की आवश्यकता है किंतु बारीकी एवं दूरदर्शिता से विद्वान और वैज्ञानिक ही इस पर चिंतन कर रहे हैं। हम में से अधिकांश लोग इस विषय पर विचार न करके बड़ी हानि की स्थितियाँ उत्पन्न कर रहे हैं।

पानी के महत्व को हमें ठीक प्रकार से समझना चाहिए। यदि हम इसके विषय में अधिक न सोच पाएं तो आगे आने वाले समय में पानी के अभाव का संकट विश्व और अपने देश भारत के सम्मुख होगा। पानी की समस्या सन् 2020 तक हमारे सामने अत्यंत विकराल रूप में होगी। एक आंकलन के अनुसार जल की उपलब्धता 2020 तक प्रति व्यक्ति एक हजार क्यूबिक मीटर से भी कम बचेगी।

भारत में 85 प्रतिशत पानी कृषि के लिए 10 प्रतिशत पानी उद्योग हेतु तथा 05 प्रतिशत जल घरेलू कार्यों में प्रयोग किया जाता है। विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार 10 लाख से अधिक आबादी वाले 27 एशियाई शहरों में चेन्नई और दिल्ली पानी की उपलब्धता के विषय में सबसे अधिक बदतर स्थिति के महानगर होंगे। इस प्रकार तैयार की गई सूची में मुंबई दूसरे स्थान पर तथा कोलकाता चौथे स्थान पर है। पानी की यह समस्या वाराणसी में हर जगह पर है लेकिन गरीब बस्तियों में और अधिक है। पीने के पानी के लिए लोगों को दूर भागना पड़ता है। पानी आने पर महत्वपूर्ण कार्यों तथा पढ़ाई-लिखाई को छोड़कर दौड़ना पड़ता है। आवश्यकता के कारण तथा देर तक पानी न मिलने के कारण भीड़ इकट्ठी हो जाती है।

यदि हमारा ध्यान जल की सुरक्षा की ओर जाए तो पानी के संबंध में भविष्य में आने वाली समस्याओं पर हम विजयी हो सकते हैं। प्रति वर्ष प्रकृति वर्षा के रूप में हमें जल प्रदान करती है लेकिन उस जल की सुरक्षा न करके हम अमूल्य जल को व्यर्थ में ही बह जाने देते हैं। वर्षा कि निरंतर कमी भी होती जा रही है, उसका कारण भी जल का दुरूपयोग ही है। वर्षा की कमी से संरक्षित वन क्षेत्र का विनाश भी एक विशाल समस्या उत्पन्न कर रही हैं।

स्थान-स्थान पर प्राकृतिक साधन के रूप में उपलब्ध होने वाले जल स्रोत सूखते जा रहे हैं। वन्य प्राणी पानी की कमी के कारण अपने रहने का स्थान छोड़ने के लिए बाध्य हो रहे हैं। उनका जीवन संरक्षण कठिन हो रहा है। उनकी निरंतर कमी होती जा रही है। उनका जीवन तरह-तरह से स्वस्थ मानव जीवन से जुड़ा हुआ है। इस ओर मनुष्य का ध्यान कम ही जा रहा है, जबकि जल संरक्षण ही जलदान है। एक-एक बूंद जल बचाना लोक जीवन का महान पुण्य है।

हमारे शरीर का 70 प्रतिशत भाग जल है। मानव शरीर में जब जल की कमी हो जाती है तब उसे डिहाइड्रेशन कहते हैं। शरीर में पानी की कमी से अनेक शिकायतें उत्पन्न हो जाती हैं। शारीरिक श्रम तथा ऋतु के अनुसार पानी की आवश्यकता होती है। गर्मी में शरीर को तीन गुना जल चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य के लिए ढाई लीटर पानी प्रतिदिन हर मौसम में पीना चाहिए। इसमें सूप, जूस, फल तथा सब्जियों में प्राप्त जल भी शामिल है।

शरीर से पसीना बहने, उल्टी होने तथा दस्त होने से पानी की कमी हो जाती है।, इस स्थिति में अधिक जल पीने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे पानी शरीर से बाहर निकल जाता है। शुद्ध एवं सादा पानी शरीर के लिए अधिक लाभदायक है, जबकि अधिक ठंडा जल उतना लाभदायक नहीं है। प्रतिदिन दो-तीन कप चाय एवं कॉफी कुछ लाभ देती हो लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन पानी की मात्रा को कम कर देता है।

प्रकृति ने शरीर में हानि-लाभ के संकेत भी उपलब्ध कराए हैं। इन संकेतों पर हमें ध्यान देना चाहिए। यदि मूत्र के समय यूरीन का रंग गहरा पीला है तो इसका सीधा संकेत जल की कमी है। इसकी हमें पूर्ति करनी चाहिए। पानी एवं तरल पदार्थों की कमी हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन उत्पन्न करती है, इसे दूर करने के लिए पानी अथवा जूस में थोड़ी मात्रा में शक्कर तथा बहुत थोड़ा सा नमक मिलना लाभदायक है।

पानी को पृथ्वी पर साधारण परिस्थितियों में होना बहुत आवश्यक एवं लाभकारी है। पृथ्वी पर दो-तिहाई भाग में पानी है। यदि इसकी परिस्थितियां असाधारण होंगी तो यह बारूद की तरह धमाका कर सकता है। इस विषय पर वैज्ञानिक अध्ययन एवं प्रयोग कर रहे हैं। लॉरेंस लीवरमोर नेशनल लैब, कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों का कथन है कि अत्यधिक गर्म वातावरण में पानी में विस्फोट हो सकता है। जटिल विस्फोटक प्रक्रिया में पानी उत्प्रेरक का कार्य करता है। यही जल सामान्य परिस्थितियों में विस्फोट को निष्क्रिय करता है।

एक अग्रणी लेखक क्रिस्टोन वू के अनुसीर पानी में हाइड्रोजन परमाणु अपचायक तथा हाइड्रॉक्साइड (ओ.एच.) ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है। पानी की रासायनिक अभिक्रिया के समय ये ऑक्सीजन छोड़ते हैं। वैज्ञानिकों के कथनानुसार कई विशाल ग्रहों पर हजारों कैल्विन तापमान एवं एक लाख वायुदाब पर पानी के तत्व ऑक्सीजन और हाइड्रोजन उच्च विस्फोटकों की भाँति धमाका करते हैं। पानी अन्य विस्फोटक अभिक्रियाओं को भी तीव्र कर सकता है।

वू के अनुसार असाधारण परिस्थितियों में पानी में हाइड्रोजन के अणु तेजी से गति करते हैं। शोधकार्य यहां तक पहुंचा कि अत्यधिक तापमान एवं दाब पानी में हाइड्रोजन और हाइड्रॉक्साइड परमाणु कार्बनिक ईंधन में उपस्थित नाइट्रोजन से ऑक्सीजन मुक्त करते हैं।

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