Hindi, asked by nikki8314, 1 year ago

life story of Lord karna​

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Answered by CONAN4869
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कर्ण (साहित्य-कान) महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक है। कर्ण को महाभारत का महानायक माना जाता है । कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धर्नुधारी थे । भगवान कृष्ण और भगवान परशुरामने स्वयं कर्णकी श्रेष्ठता को स्विकार किया था । कर्ण की वास्तविक माँ कुन्ती थी। कर्ण का जन्म कुन्ती का पाण्डु के साथ विवाह होने से पूर्व हुआ था। कर्ण दुर्योधन का सबसे अच्छा मित्र था और महाभारत के युद्ध में वह अपने भाइयों के विरुद्ध लड़ा। वह सूर्य का पुत्र था। कर्ण को एक आदर्श दानवीर माना जाता है क्योंकि कर्ण ने कभी भी किसी माँगने वाले को दान में कुछ भी देने से कभी भी मना नहीं किया भले ही इसके परिणामस्वरूप उसके अपने ही प्राण संकट में क्यों न पड़ गए हों।

कर्ण की छवि आज भी भारतीय जनमानस में एक ऐसे महायोद्धा की है जो जीवनभर प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ता रहा। बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि कर्ण को कभी भी वह सब नहीं मिला जिसका वह वास्तविक रूप से अधिकारी था।[1] तर्कसंगत रूप से कहा जाए तो हस्तिनापुर के सिंहासन का वास्तविक अधिकारी कर्ण ही था क्योंकि वह कुरु राजपरिवार से ही था और युधिष्ठिर और दुर्योधन से ज्येष्ठ था, लेकिन उसकी वास्तविक पहचान उसकी मृत्यु तक अज्ञात ही रही। कर्ण को एक दानवीर और महान योद्धा माना जाता है। उन्हें दानवीर कर्ण भी कहा जाता है।कर्ण को इस काल में बहुत चाहते है उनमें से बंशीलाल पहले स्थान पर है।

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nikki8314: thanks
CONAN4869: welcome do mark as brainlist..✌️✌️
Answered by SATWIKAT
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