line to line explaination of ek phool ki chah by shiya ram sharan gupt
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सुखिया और उसके पिता एक गाँव में रहेते थे। बहुत तगड़ी महामारी फली हुई थी। पिताजी उसे बार बार मना करते थे की वह बहार खेलने न जाए।पर वह उनकी बात नहीं मानती थी। उन्हें लगता था की उसकी बेटी महामारी का शिकार न हो जाए। एक दिन वह महामारी शिकार हो जाती है और देवी माँ के प्रसाद का फूल मांगती है। पर वह अछूत थे उन्हें मंदिर में जाने की इझाजत नहीं थी। एक दिन उसका पिता चुपके से आचे कपडे पहन कर चला गया और देवी के भक्तों ने उसे पकड़ कर मआरा peta और उसे 7 दिन में जेल में दाल दिया और 7 दिन बाद उससे अपपनी बेटी एक रख के रूप में मिल्ली plz brainliest one select karo
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