Lipi ka Nirman Kis Liye Hua Hai
Answers
Answered by
3
लिपि या लेखन प्रणाली का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग। ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वही लिपि कहलाती है। लिपि और भाषा दो अलग अलग चीज़ें होती हैं। भाषा वो चीज़ होती है जो बोली जाती है, लिखने को तो उसे किसी भी लिपि में लिख सकते हैं। किसी एक भाषा को उसकी सामान्य लिपि से दूसरी लिपि में लिखना, इस तरह कि वास्तविक अनुवाद न हुआ हो, इसे लिप्यन्तरण कहते हैं।

विश्व की लिपियों का मानचित्र██ लैटिन (अल्फाबेटिक)██ सिरिलिक लिपि (अल्फाबेटिक)██ हंगुल (featural alphabetic)██ अन्य अल्फाबेटिक██ अरबी लिपि (abjad)██ देवनागरी (abugida)██ अन्य abjads██ अन्य abugidas██ सिलैबरी██ शब्द-चिह्न (चीनी अक्षर / logographic)

चीनी लिपि (चित्रलिपि)
यद्यपि संसार भर में प्रयोग हो रही भाषाओं की संख्या अब भी हजारों में है, तथापि इस समय इन भाषाओं को लिखने के लिये केवल लगभग दो दर्जन लिपियों का ही प्रयोग हो रहा है। और भी गहराई में जाने पर पता चलता है कि संसार में केवल तीन प्रकार की ही मूल लिपियाँ (या लिपि परिवार) है-
चित्रलिपि (ideographic scripts) - चीन, जापान एवं कोरिया में प्रयुक्त लिपियाँ,ब्राह्मी से व्युत्पन्न लिपियाँ - देवनागरी तथा दक्षिण एशिया एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रयुक्त लिपियाँ ; तथाफोनेशियन (Phonecian) से व्युत्पन्न लिपियाँ - सम्प्रति यूरोप, मध्य एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका में प्रयुक्त लिपियाँ
ये तीनो लिपियाँ तीन अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित हुईं जो पर्वतों एवं मरुस्थलों द्वारा एक-दूसरे से अलग-अलग स्थित हैं।
लतीनी क्रिलिक \ / / गुजराती \ / - आर्मेनियाई / बांग्ला _ मंगोलियाई \ / / गुरुमुखी / यूनानी - जॉर्जियाई / उड़िया सोग्दी चीनी | / लिपि / | / तेलुगु / फोनेशियन ब्राह्मी - कन्नड़ चित्रलिपि - जापानी / लिपि \ लिपि मलयालम \ / | \ \ तमिल \ इब्रानी | अरबी \ कोरियाई | \ \ - - सिंहला | \ | \ \ - बर्मी | \ ख्मेर | \ \ इथियोपियाई दिवेही \ - थाई (इथियोपिया, (मालदीव) लाओ इरिट्रिया)

विश्व की लिपियों का मानचित्र██ लैटिन (अल्फाबेटिक)██ सिरिलिक लिपि (अल्फाबेटिक)██ हंगुल (featural alphabetic)██ अन्य अल्फाबेटिक██ अरबी लिपि (abjad)██ देवनागरी (abugida)██ अन्य abjads██ अन्य abugidas██ सिलैबरी██ शब्द-चिह्न (चीनी अक्षर / logographic)

चीनी लिपि (चित्रलिपि)
यद्यपि संसार भर में प्रयोग हो रही भाषाओं की संख्या अब भी हजारों में है, तथापि इस समय इन भाषाओं को लिखने के लिये केवल लगभग दो दर्जन लिपियों का ही प्रयोग हो रहा है। और भी गहराई में जाने पर पता चलता है कि संसार में केवल तीन प्रकार की ही मूल लिपियाँ (या लिपि परिवार) है-
चित्रलिपि (ideographic scripts) - चीन, जापान एवं कोरिया में प्रयुक्त लिपियाँ,ब्राह्मी से व्युत्पन्न लिपियाँ - देवनागरी तथा दक्षिण एशिया एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रयुक्त लिपियाँ ; तथाफोनेशियन (Phonecian) से व्युत्पन्न लिपियाँ - सम्प्रति यूरोप, मध्य एशिया एवं उत्तरी अफ्रीका में प्रयुक्त लिपियाँ
ये तीनो लिपियाँ तीन अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित हुईं जो पर्वतों एवं मरुस्थलों द्वारा एक-दूसरे से अलग-अलग स्थित हैं।
लतीनी क्रिलिक \ / / गुजराती \ / - आर्मेनियाई / बांग्ला _ मंगोलियाई \ / / गुरुमुखी / यूनानी - जॉर्जियाई / उड़िया सोग्दी चीनी | / लिपि / | / तेलुगु / फोनेशियन ब्राह्मी - कन्नड़ चित्रलिपि - जापानी / लिपि \ लिपि मलयालम \ / | \ \ तमिल \ इब्रानी | अरबी \ कोरियाई | \ \ - - सिंहला | \ | \ \ - बर्मी | \ ख्मेर | \ \ इथियोपियाई दिवेही \ - थाई (इथियोपिया, (मालदीव) लाओ इरिट्रिया)
Similar questions