Hindi, asked by shahnawazhusain003, 10 hours ago

लकीरें खींच रखीं है कुछ मतलबी लोगो ने थाली में। वरना क्या फर्क पड़ता मेरी ईद और तेरी दिवाली में ।


Explain this line in Hindi ( 300 words )​

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Answered by nilesh102
2

पंक्ति : लकीरें खींच रखीं है कुछ मतलबी लोगो ने थाली में। वरना क्या फर्क पड़ता मेरी ईद और तेरी दिवाली में ।

अर्थ : कुछ ऐसे लोग है जो अपने फायदों के लिए धर्मों के नाम पर जाति के नाम पर लोगों के बीच मतभेद स्थापित कर रहे है। {इस पंक्ति में कवि ने मुख्यता दो धर्मों (हिंदू धर्म, मुस्लिम धर्म) का वर्णन किया है।}

कवि यह कहता है ईद और दिवाली दोनो खुशियों का त्योहार है। {और खुशियां बांटनेसे बढ़ती हैं।} इसीलिए हमे इनमे फर्क नहीं करना चाहिए।

पष्टिकरण : कवि यह कहना चाहता है, की हमे भाईचारे में विश्वास करना चाहिए नाकी कुछ मतलबी लोगों के झांसे में आकर, आपस में बैर करना चाहिए। कुछ मताबली लोग अपना फायदा निकल ने के लिए धर्मों के बीच, जातियों के बीच, मतभेद स्थापित कर देते है, और अपना फायदा निकल लेते हैं। हमे आपस में मिल जुल कर रहना चाहिए। ईद और दिवाली दोनो खुशियों का त्योहार है। ये दोनो त्योहार में हमे खुशियां बतानी चाहिए।

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