लक्ष्मण के बारे में 10 वाक्य
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रामायण अनुसार राजा दशरथ के तीसरे पुत्र थे लक्ष्मण। उनकी माता का नाम सुमित्रा था। भगवान राम से लक्ष्मण बहुत प्रेम रखते थे। लक्ष्मण के लिए राम ही माता-पिता, गुरु, भाई सब कुछ थे और उनकी आज्ञा का पालन ही इनका मुख्य धर्म था। वे उनके साथ सदा छाया की तरह रहते थे। भगवान श्रीराम के प्रति किसी के भी अपमानसूचक शब्द को ये कभी बरदाश्त नहीं करते थे। वास्तव में लक्ष्मण का वनवास राम के वनवास से भी अधिक महान है। 14 वर्ष पत्नी से दूर रहकर उन्होंने केवल राम की सेवा को ही अपने जीवन का ध्येय बनाया।
शेषावतार : भगवान राम को जहां विष्णु का अवतार माना गया है वहीं लक्ष्मण को शेषावतार कहा जाता है। हिन्दू पौराणिक मान्यता के अनुसार शेषनाग के कई अवतारों का उल्लेख मिलता है जिनमें राम के भाई लक्ष्मण और कृष्ण के भाई बलराम मुख्य हैं। शेषनाग भगवान विष्णु की शैया है।
लक्ष्मण का जन्म : दशरथ की तीन पत्नियां थी। महर्षि ऋष्यश्रृंग ने उन तीनों रानियों को यज्ञ सिद्ध चरू दिए थे जिन्हें खाने से इन चारों कुमारों का आविर्भाव हुआ। कौशल्या और कैकेयी द्वारा प्रसाद फल आधा-आधा सुमित्रा को देने से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। कौशल्या से राम और कैकेयी से भरत का जन्म हुआ।
गुरु : राम और लक्ष्मण सहित चारों भाइयों के दो गुरु थे- वशिष्ठ, विश्वामित्र। विश्वामित्र दण्डकारण्य में यज्ञ कर रहे थे। रावण के द्वारा वहां नियुक्त ताड़का, सुबाहु और मारीच जैसे- राक्षस इनके यज्ञ में बार-बार विघ्न उपस्थित कर देते थे। विश्वामित्र अपनी यज्ञ रक्षा के लिए श्रीराम-लक्ष्मण को महाराज दशरथ से मांगकर ले आए। दोनों भाइयों ने मिलकर राक्षसों का वध किया और विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा हुई। विश्वामित्र ने ही राम को अपनी विद्याएं प्रदान कीं और उनका मिथिला में सीता से विवाह संपन्न कराया।माना जाता है कि लक्ष्मण की तीन पत्नियां थीं- उर्मिला, जितपद्मा और वनमाला। लेकिन रामायण में उर्मिला को ही मान्यता प्राप्त पत्नी माना गया, बाकी दो पत्नियां की उनके जीवन में कोई खास जगह नहीं थी।
उर्मिला : लक्ष्मण की पत्नी का नाम उर्मिला था। लक्ष्मण ने अपने बड़े भाई के लिए चौदह वर्षों तक पत्नी से अलग रहकर वैराग्य का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, उर्मिला जनकनंदिनी सीता की छोटी बहन थीं और सीता के विवाह के समय ही दशरथ और सुमित्रा के पुत्र लक्ष्मण को ब्याही गई थीं। लक्ष्मण से इनके अंगद और चन्द्रकेतु नाम के दो पुत्र तथा सोमदा नाम की एक पुत्री उत्पन्न हुई। अंगद ने अंगदीया पुरी तथा चन्द्रकेतु ने चन्द्रकांता पुरी की स्थापना की थी।
जितपद्मा : लक्ष्मण की एक और पत्नी थी जिसका नाम था- जितपद्मा। लक्ष्मण ने मध्यप्रदेश में क्षेत्रांजलिपुर के राजा के विषय में सुना कि जो उसकी शक्ति को सह लेगा, उसी से वह अपनी कन्या का विवाह कर देगा। लक्ष्मण ने भाई की आज्ञा से राजा से प्रहार करने को कहा। प्रहार शक्ति सहकर उन्होंने शत्रुदमन राजा की कन्या जितपद्मा को प्राप्त किया। जितपद्मा को समझा-बुझाकर राम, सीता तथा लक्ष्मण नगर से चले गए।
वनमाला : महीधर नामक राजा की कन्या का नाम वनमाला था। उसने बाल्यकाल से ही लक्ष्मण से विवाह करने का संकल्प ले रखा था। लक्ष्मण के राज्य से चले जाने के बाद महीधर ने उसका विवाह अन्यत्र करना चाहा, किंतु वह तैयार नहीं हुई। वह सखियों के साथ वनदेवता की पूजा करने के लिए गई। बरगद के वृक्ष के नीचे खड़े होकर उसने गले में फंदा डाल लिया। वह बोली कि लक्ष्मण को न पाकर मेरा जीवन व्यर्थ है, अत: वह आत्महत्या करने के लिए तत्पर हो गई। संयोग से उसी समय लक्ष्मण ने वहां पर पहुंचकर उसे बचाया तथा उसे ग्रहण किया।
Explanation:
1. शेषनाग का एक अवतार- लक्ष्मण शेष नाग का एक अवतार है, जिस नाग पर भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं, जो दूध का सागर है। शेष नाग सभी नागों के राजा हैं .
2-लक्ष्मण ने बलराम के रूप में अवतार लिया-लक्ष्मण ने एक बार कहा था कि चूंकि वह राम से छोटे थे, इसलिए उनके बड़े भाई की प्रत्येक आज्ञा का पालन उन्हें करना था। इसलिए अगले अवतार में उनकी बड़ी भाई बनने की इच्छा पूरी हुई जबकि भगवान विष्णु छोटे भगवान कृष्ण बने, शेष नाग बड़े भाई बलराम बने।
3-लक्ष्मण को 'गुडाकेश' के नाम से भी जाना जाता है- राम के वनवास के दौरान, लक्ष्मण ने 14 साल तक जागते रहने का फैसला किया। उन्होंने नींद की देवी निद्रा देवी से अनुरोध किया कि उन्हें 14 साल तक नींद न दें ताकि वह जाग सकता है और राम और सीता की रक्षा कर सकता है। निद्र देवी उनके समर्पण से प्रभावित हुई और उन्हें वरदान दिया।यही कारण है कि लक्ष्मण को गुडाकेश के नाम से भी जाना जाता है.
4-लक्ष्मण ने रावण के पुत्र इंद्रजीत का वध किया था।
5-लक्ष्मण का राम के प्रति प्रेम और भक्ति किसी से कम नहीं थी।
6-भगवान राम भी लक्ष्मण को बेहद प्यार करते थे
7-लक्ष्मण भी राम के समर्थक थे।
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