लक्ष्मण किस ॠण की बात कर रहे है ? *
Answers
Answered by
1
Answer:
तुरत देउँ मैं थैली खोली॥ लक्ष्मण ने कहा कि हे मुनि आपके पराक्रम के बारे में कौन नहीं जानता। आपने अपने माता पिता के ऋण को तो माता की हत्या करके चुकाया था और अब आप अपने गुरु के ऋण की बात कर रहे हैं। इतने दिन का ब्याज जो बढ़ा है (गुरु के ऋण का) वो भी आप मेरे ही मत्थे डालना चाहते हैं।
Similar questions