Hindi, asked by gyanparkashsharma52, 4 months ago

लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप का मूल भाव स्पष्ट करें​

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Answered by Anonymous
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इस कविता में कवि तुलसीदास ने लक्ष्मण के मूर्च्छित होने पर बड़े भाई राम के विलाप का मार्मिक वर्णन किया है। ... उनका विलाप प्रलाप की मन:स्थिति तक पहुँच जाता है। वे अनुज के स्वभाव के गुणों एव उनकी अपने प्रति भक्ति को स्मरण करके अत्यंत भावुक हो उठते हैं। भाई के बिछोह की कल्पना तक उनके मन को व्यथित कर देती है।

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