लक्षण प्ररूपी (फीनोटाइपिक) अनुकूलन की परिभाषा दीजिए। एक उदाहरण दीजिए।
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लक्षण प्ररूपी (फीनोटाइपिक) अनुकूलन की परिभाषा :
लक्षण प्ररूपी (फीनोटाइपिक) अनुकूलन वह स्थिति होती है जिसमें जीव प्रतिकूल परिस्थिति में पहुंचने पर स्वयं को उस स्थिति में सहजता पूर्वक रखने की लिए शीघ्र ही अनुकूलित कर लेता है।
उदाहरण : पहाड़ों पर ऑक्सीजन की कमी के कारण व्यक्ति में थकान , हृदय की धड़कनें बढ़ना, चक्कर आना, आदि समस्याएं आती है । यह तुंगता बीमारी (altitude sickness) कहलाती है, परंतु व्यक्ति उस क्षेत्र में रहने लग जाता है तो धीरे-धीरे उस क्षेत्र के प्रति पर्यानुकूलित (acclimatised) हो जाता है और उसे तुंगता रोग नहीं होता।
शरीर कम ऑक्सीजन उपलब्ध होने की क्षतिपूर्ति लाल रुधिर कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ाकर हीमोग्लोबिन की बंधकारी क्षमता घटाकर और श्वसन दर बढ़ाकर कर लेता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Explanation:
लक्षण प्ररूपी (फीनोटाइपिक) अनुकूलन .
- लक्षण प्ररूपी अनुकूलन जीवों का ऐसा विशेष गुण है जो संरचना और कार्यिकी की विशेषताओं के द्वारा उन्हें वातावरण विशेष में रहने की क्षमता प्रदान करता है।
मरुस्थलीय अनुकूलन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण ऊँट है। इसके खुर की निचली सतह,चौड़ी और गद्देदार होती है।