Hindi, asked by shankarjadhav5544, 7 months ago

लकड़हारे के बारे में लिखिए eassy

Answers

Answered by aarushbansal83
1

Answer:

you can learn it by your own

Answered by shewalea689
0

Explanation:

एक दिन वह मजे-मजे से जंगल की ओर लकड़ियां काटने जा रहा था , और जाते-जाते वह नदी को पार कर रहा था तभी उसका पैर नदी पर बने पुल मैं फसा और वह गिर गया उसके हाथ से कुल्हाड़ी पानी में गिर गई, वह बहुत जोर जोर से रोने लगा क्योंकि वह गरीब व्यक्ति था उसके पास पैसा नहीं था वह नए कुल्हाड़ी कैसे खरीदे ,

वह दुखी होकर पुल के एक कोने में बैठ गया और बैठकर रो रहा था तभी अचानक वहां पर जलदेवी प्रकट हुई ,और उससे पूछा की क्या बात है , तुम इतने उदास क्यों हो रहे हो लकड़हारा ने उत्तर दिया की मैं इस पुल को पार कर रहा था तब अचानक मेरा पैर पुल मैं फसा और मैं गिर गया और मेरी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई जल देवी ने कहा तुम यही ठहरो मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी लेकर आती हूं । और जल देवी नदी में गई और नदी से एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर आई और लकड़हारे को देने लगी पर लकड़हारा ने व कुल्हाड़ी नहीं ली और कहने लगा कि माता यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है ,मुझे मेरी चाहिए फिर जलदेवी वापस नदी में गई और नदी से चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आई और लकड़हारे को देने लगी फिर से लकड़हारे ने मना कर दिया यह कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है ,फिर से जलदेवी वापस नदी में गई और नदी से उसकी लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आई और उसको देने लगी लकड़हारे ने खुशी-खुशी से अपनी कुल्हाड़ी ले ली इसकी ईमानदारी से जलदेवी बहुत प्रसन्न हुई ,और लकड़हारे को चांदी और सोने की कुल्हाड़ी भी दे दी।

और लकड़हारे ने तीनों कुल्हाड़ी या लेकर घर आया और उसकी धर्मपत्नी को यह पूरी बात बताई इससे दोनों पति पत्नी बहुत खुश हुए। और फिर से लकड़हारे ने पहले की तरह रोजाना जंगल में जाता और लकड़ियां काट कर लाता और उसे बाजार में बेचा था जो पैसा आता उससे अपना घर-बार चलाता था।।

Moral : _ हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है, कि हमें ईमानदार व दयालु व्यक्ति बनना चाहिए |

Similar questions