लखक पड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था?
पाठ से आगे
1. 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ
था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए।
2. सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।
3. आप अपनी किसी यात्रा के खट्टे-मीठे अनुभवों को याद करते हुए एक लेख
लिखिए।
मन-बहलाना
• अनुमान कीजिए यदि बस जीवित प्राणी होती. बोल सकती तो वह अपनी
बुरी हालत और भारी बोझ के कष्ट को किन शब्दों में व्यक्त करती?
लिखिए।
Answers
Answer:
Ans- बस की जर्जर अवस्था से लेखक को ऐसा महसूस हो रहा था कि बस की स्टीयरिंग कहीं भी टूट सकती है तथा ब्रेक फेल हो सकता है। ऐसे में लेखक को डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए। एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरे पेड़ का इंतज़ार करता था कि बस कहीं इस पेड़ से न टकरा जाए। यही वजह है कि लेखक को हर पेड़ अपना दुश्मन लग रहा था।
1.‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ महात्मा गाँधी के नेतृत्व में १९३० में अंग्रेज़ी सरकार से असहयोग करने तथा पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त करने के लिए किया गया था।
2.सविनय अवज्ञा आंदोलन’ १९३० में में सरकारी आदेशों का पालन न करने के लिए किया था। इसमें अंग्रेज़ी सरकार के साथ सहयोग न करने की भावना थी।
लेखक ने ‘सविनय अवज्ञा’ का उपयोग बस के सन्दर्भ में किया है। वह इस प्रतीकात्मक भाषा के माध्यम से यह बताना चाह रहा है कि बस विनय पूर्वक अपने मालिक व यात्रियों से उसे स्वतंत्र करने का अनुरोध कर रही है।
Hope it helps you.
Thank you.