लखनवी अंदाज कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर संक्षेप में प्रकाश डालिए
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➲ ‘लखनवी अंदाज’ कहानी एक व्यंगात्मक कहानी है, जिसमें झूठी नवाबी शान शौकत दिखाने वाले नवाबों की मानसिकता पर व्यंग किया गया है। कहानी की पृष्ठभूमि लखनऊ के आसपास की है। लेखक यशपाल को किसी कार्य हेतु ट्रेन से यात्रा करनी थी। उन्होंने भीड़ से बचने के लिए सेकंड क्लास के डिब्बे से यात्रा करने के लिए सोचा, ताकि वहां पर उन्हें एकांतवास मिल सके और वह अपने आने वाली कहानी के विषय में सोच सके। लेखक जब ट्रेन के डिब्बे में चढ़ा पहले से ही एक नवाब साहब जजमान थे, जिनकी नवाबी भरी झूठी शान-शौकत, रईसी का दिखावा, नवाबी ठसक आदि देखकर लेखक ने कहानी में नवाबी पर करारा व्यंग्य किया है।
लेखक ने उन नवाबों पर करारा व्यंग किया है, जिनकी नवाबी छिन गई है, लेकिन उनके अंदर से नवाबी ठसक नहीं गई है। वह अपने कार्य व्यवहार में अभी भी उसी नवाबी शान-शौकत को दिखावटी रूप में इस्तेमाल करते हैं, इसीलिए इस कहानी का नाम कहानी का शीर्षक नवाबी अंदाज रखा है जो कि सर्वथा उपयुक्त है।
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