Hindi, asked by Anonymous, 8 months ago

ललद्यद की काव्य शैली का उल्लेख करो?और उनकी भक्ति किस प्रकार की है उल्लेख कीजिए

ɢɪᴠᴇ ᴄᴏʀʀᴇᴄᴛ ᴀɴꜱᴡᴇʀ ✅ ɪᴛꜱ ɴᴏᴛ ᴍy ʀᴇqᴜᴇꜱᴛ ɪᴛꜱ ᴍy ᴏʀᴅᴇʀ

ꜱᴩᴀᴍꜱ ᴡɪʟʟ ɢᴇᴛ ʀᴇᴩᴏʀᴛᴇᴅ + ᴛʜᴇ ꜱᴩᴀᴍᴍᴇʀꜱ ᴀᴄᴄᴏᴜɴᴛ'ꜱ ᴀʟʟ ᴀɴꜱᴡᴇʀꜱ ᴡɪʟʟ ɢᴇᴛ ʀᴇᴩᴏʀᴛᴇᴅ ​

Answers

Answered by Anonymous
6

Explanation:

प्रश्न :

ललघद की काव्य शैली का उल्लेख करो ?

उत्तर :

ललघद की काव्य शैली को वाख कहा जाता है ।

जिस तरह हिंदी में कबीर के दोहे, तुलसी के चौपाई और मीरा के पद प्रसिद्ध उसी प्रकार ललघद के वाख प्रसिद्ध है । उनके वाखों के जरिए उन्होंने जाति और धर्म की संर्कीणताओं से ऊपर उठकर भक्ति के ऐसे रास्ते पर चलने पर जोर दिया जिसका जुड़ाव जीवन से हो । उन्होंने धार्मिक आडंबरों का विरोध किया और प्रेम को सबसे बड़ा मूल्य बताया ।

प्रश्न :

उनकी भक्ति किस प्रकार की है उल्लेख कीजिए ?

उत्तर :

ललघद निर्गुण भक्ति के कवयित्री हैं ।

निर्गुण भक्ति का अर्थ है कण - कण में व्याप्त ईश्वर को मानना । निर्गुण भक्ति के आधार से ईश्वर का कोई रूप ( मूत्ति ) नहीं हैं । ईश्वर हर जीव के आत्मा में वास करता हैं । ललद्यद कहती है कि हमें हमारा जीवन में सद्कर्म करना चाहिए । हमें इस संसार के संसारिक मोह माया से परे रहना चाहिए । हमारा जन्म इस संसार में सद्कर्म करने के लिए हुआ हैं ।

शायद मैं आपका मदत कर पाया !

धन्यवाद !

Answered by Anonymous
41

Answer:

1)

ललघद की काव्य शैली को वाख कहा जाता है । जिस तरह हिंदी में कबीर के दोहे , तुलसी के चौपाई और मीरा के पद प्रसिद्ध उसी प्रकार ललघद के वाख प्रसिद्ध है । उनके वाखों के जरिए उन्होंने जाति और धर्म की संर्कीणताओं से ऊपर उठकर भक्ति के ऐसे रास्ते पर चलने पर जोर दिया जिसका जुड़ाव जीवन से हो । उन्होंने धार्मिक आडंबरों का विरोध किया और प्रेम को सबसे बड़ा मूल्य बताया ।

2)

ललघद निर्गुण भक्ति के कवयित्री हैं । निर्गुण भक्ति का अर्थ है कण - कण में व्याप्त ईश्वर को मानना । निर्गुण भक्ति के आधार से ईश्वर का कोई रूप ( मूत्ति ) नहीं हैं । ईश्वर हर जीव के आत्मा में वास करता हैं । ललद्यद कहती है कि हमें हमारा जीवन में सद्कर्म करना चाहिए । हमें इस संसार के संसारिक मोह माया से परे रहना चाहिए । हमारा जन्म इस संसार में सद्कर्म करने के लिए हुआ हैं ।

Explanation:

#आशा करता हूँ की ये काम करेगा

Similar questions