Hindi, asked by anshpayal, 1 year ago

। ललयद ने अधिक भोग करने और भोग न करने का क्या परिणाम बताया है?

Answers

Answered by jmankita25
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Answer:

भोग करने से मन ईश्वर से हाट ता है मनुष्य की ईश्वर साधना भंग होती है इसलए उसे कुछ प्राप्त नही होता ।

भोग पर संयम रखने से और तपस्या का जीवन जीने से मनुष्य स्वयं को बड़ा त्यागि महात्मा मानने लगता है। इससे उसके मन में आहंकर पेदा होता है।

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