lockdown experience essay in hindi
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यह एक प्रकार का आपातकाल ही है, जिसे लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। भारत के साथ-साथ विश्व के कई अन्य देशों ने कोरोना नामक महामारी से रोकथाम हेतु इसे अपनाया और इसके सहारे सामाजिक दूरी बनाने की कोशिश की गयी ताकि कोरोंना को हराया जा सके। आईये विस्तार में जानें।
लॉकडाउन पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Lockdown in Hindi)
निबंध – 1 (300 शब्द)
परिचय
लॉकडाउन एक ऐसी आपातकालीन स्थिति को कहते हैं जब आप घर से बाहर नहीं जा सकते। यह भी जरुरी नहीं की आप घर पर ही हों अर्थात जहाँ भी हों, इसके लागू होने के बाद आप कहीं बहार नहीं जा सकते। और यही लॉकडाउन में जब वृहद स्तर पर होता है तो यह कर्फ्यू का रूप ले लेता है।
भरता के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मार्च के महीने में 24 तारीख को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की। मोदी जी द्वारा उठाया गया यह एक ऐतिहासिक कदम था और उन्होंने ऐसा कोरोना नामक महामारी से देश को बचाने के लिये किया।
लॉकडाउन का प्रभाव
लॉकडाउन के प्रभाव बहुत गहरे होते हैं, क्यों की यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को डगमगा देता है। जब हम काम पर जाते हैं, तभी देश आगे बढ़ता है और जब देश के सारे फैक्ट्री बंद हो जायेंगे, सब घर पर बैठ जायेंगे तो देश का विकास भी रुक जाता है और इससे अर्थव्यवस्था को भारी क्षति पहुँचती है।
लॉकडाउन से देश के जी.डी.पी., विकास दर, सब में कमी आ जाती है और यह किसी के लिये ठीक नहीं। हम दूसरे देशों की अपेक्षा कई वर्ष पीछे जा सकते हैं। परंतु जीवन से बढ़ कर शयद कुछ भी नहीं और ये हमारे नेता भी समझते हैं और हमारे हित में ही इस कदम को उठाया।
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लॉकडाउन यह मानव-जाति के इतिहास में पहली बार है, जहाँ पुरे देश में धारा 144 के तहत सबको घर पर रहने की सलाह दी गयी है।
लॉकडाउन एक ऐसी आपातकालीन स्थिति को कहते हैं जब आप घर से बाहर नहीं जा सकते। यह भी जरुरी नहीं की आप घर पर ही हों अर्थात जहाँ भी हों, इसके लागू होने के बाद आप कहीं बहार नहीं जा सकते। और यही लॉकडाउन में जब वृहद स्तर पर होता है तो यह कर्फ्यू का रूप ले लेता है।
जीवन से बढ़ कर शयद कुछ भी नहीं और ये हमारे नेता भी समझते हैं और हमारे हित में ही इस कदम को उठाया ......