Hindi, asked by os167034, 7 months ago

lockdown ka labh or haniya in hindi​

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Answered by sapnamourya247
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korona virus ki pakad ko rokne ke liye bharat ke pradhanmantri Modi ne 15 April 2020 tak bharat mein lockdown kiya hai

Answered by chaurasiyarishabh135
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उत्तर ‌:

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर से पूरी दुनिया परेशान है। अमेरिका, इटली जैसे विकसित देश हों या फिर भारत जैसा विकासशील देश ! सभी कोरोना के खौफ से त्राहिमाम कर रहे हैं। कोरोना ने अबतक दुनिया में करीब ,, लोगों की जिंदगियां लील ली है। खौफ का आलम यह है कि गांव से लेकर शहरों तक सभी को लॉकडाउन (Lockdown) कर दिया गया है जिससे कोरोना के प्रसार को रोका जा सके। लोगों का घरों से निकलना बंद हो गया है, सड़कों पर गाड़ियां चलनी बंद हो गई हैं, फैक्ट्रियों से धुआं निकलना बंद हो गया है। कोरोना की वजह से देश और दुनिया की रफ्तार पर लगी इस इमर्जेंसी ब्रेक से आर्थिक और जानमाल के तौर पर भी नुकसान हो रहा है तो शारीरिक और मानसिक तौर पर भी कुछ लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है, खासकर बच्चों, बुजुर्ग और वे लोग जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। यह वाकई में दुखद है, लेकिन कोरोना की वजह से हुए इस लॉकडाउन (lockdown in India) के कारण कुछ फायदे भी निकलकर सामने आए हैं।

फ़ायदे :लॉकडाउन की वजह से देश में यातायात पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया है। सड़कों पर जरूरी गाड़ियों के अलावा सभी की आवाजाही बंद हो गई है जिसके बाद रोड ऐक्सिडेंट के मामले पूरी तरह से घट गए हैं। आम दिनों में जहां रोजाना सैकड़ों रोड ऐक्सिडेंट की खबरें आती थीं और इनमें से कइयों की मौत हो जाती थी। गाड़ियों पर ब्रेक लगने के साथ ही इन घटनाओं पर भी ब्रेक लग गया। रोड रेज की घटनाओं का नामोनिशान देखने को नहीं मिल रहा है। बस्ती के रहने वाले संजय गुप्ता ने बताया कि श्मशान पर आने वाले शवों की संख्या में भयंकर गिरावट आई है। अयोध्या और बनारस के घाटों पर रहने वालों के मुताबिक, इस समय लॉकडाउन से पहले की तुलना में शवों की संख्या में दो तिहाई से ज्यादा की कमी देखने को मिल रही है। लॉकडाउन में लोगों का घरों से निकलना बंद हो चुका है। पहले जहां आपको चैन स्नैचिंग, लूटपाट, मारपीट, गैंगवार,और हत्या जैसी तमाम घटनाएं रोजाना सुनने को मिलती थीं, लॉकडाउन के बाद इन घटनाओं में भी भारी कमी आई है। पहले आए दिन आपको इससे जुड़ी खबरें टीवी, अखबार या डिजिटल प्लैटफॉर्म पर मिल जाती थीं, लेकिन बीते एक दो हफ्तों में इनके बारे में आपको शायद ही कोई खबर मिली हो। लखनऊ में एक लॉ कॉलेज की असिस्टेंट प्रफेसर डॉ. मीना मिश्रा बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान क्राइम रेट न के बराबर हो गया है।

लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्रियां बंद पड़ी है तो उनसे निकलने वाले वेस्टेज भी इस समय नदियों में नहीं जा रहे हैं। लोगों का नदियों के किनारे आना जाना भी बंद है जिसकी वजह प्लास्टिक व अन्य कचरों में भारी कमी आई है। आपको याद होगा कि पीएम मोदी ने गंगा के लिए अलग से मंत्रालय बनाया है, गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे परियोजना शुरू की थी, हजारों करोड़ के बजट को मंजूरी दी गई थी लेकिन इन सबके बावजूद सवाल यही था कि गंगा साफ क्यों नहीं है। दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर भी हालात कुछ ऐसे ही थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद नदियों का पानी इतना साफ और स्वच्छ हो गया है जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं रही होगी। गंगा सफाई के लिए जो काम पीएम मोदी का एक अलग मंत्रालय और हजारों करोड़ का बजट नहीं कर पाया, उसे महज कुछ ही दिनों में लॉकडाउन ने कर दिखाया। कमोबेश देश की हर नदियों का यही हाल है, सब पहले की तुलना में ज्यादा साफ और स्वच्छ हो गई हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने की मनाही है। उनके लिए थोड़ी दिक्कत है जो परिवार दूर किसी शहर में अकेले रहते हैं, लेकिन जो लोग परिवार के साथ रहते हैं उनकी तो बल्ले-बल्ले है। ऑफिस जाना, रास्ते में ट्रैफिक में फंस जाना, वापस लौटने पर थकान से चूर होना जैसी कई समस्याएं थीं जिसकी वजह से लोग परिवार को चाहकर भी समय नहीं दे पाते थे। अब लोग घरों में हैं, कुछ लोगों की छुट्टी है तो कुछ लोगों का वर्क फ्रॉम होम है। घर में होने के वजह से अब वह परिवार के साथ ज्यादा समय बिता पा रहे हैं। मम्मी-पापा व बच्चों के साथ बैठकर टीवी पर रामायण देख रहे हैं। आम दिनों में जो वक्त लोगों को निकालना पड़ता था बड़ी मुश्किल से, वह वक्त इस समय लोगों के हाथों में है। ..........

नुकसा :

लॉकडाउन में अस्थाई नुकसान तो है पर पालन न करने पर बड़ी हानि हो सकती है'

लॉकडाउन में अस्थाई नुकसान तो है पर पालन न करने पर बड़ी हानि हो सकती है'- अपर जिला जज एके मिश्र वर्क टू होम करते हुए कर रहे लॉकडाउन का पालन और आमजन से भी करते हैं अपील

लॉकडाउन में अस्थाई नुकसान तो है पर पालन न करने पर बड़ी हानि हो सकती है'- अपर जिला जज एके मिश्र वर्क टू होम करते हुए कर रहे लॉकडाउन का पालन और आमजन से भी करते हैं अपीलगुना(नवदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन है। इससे अस्थाई नुकसान की स्थिति भी बन रही है। लेकिन हमने लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं किया, तो बड़े नुकसान के लिए भी तैयार रहना होगा। इसलिए हमें कोरोना के खतरे को समाप्त करने घरों में रहकर शासन-प्रशासन की कोशिशों में सहभागिता करना ही चाहिए। साथ ही मजबूरी में ही सही, जो समय मिला है, उसका परिवार और बच्चों के साथ सकारात्मक और रचनात्मक कार्य करते हुए बिताना चाहिए।

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