Hindi, asked by pooja12vansh, 2 months ago

lockdown ke fade or nuksan in hindi. please jise aya he wo Kare warana nahi​

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Answered by vishalverma5690
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Answer:

लॉकडाउन के दौरान जब सभी लोग अपने घरों में थे तब जंगलों से ऐसी जानवरों की प्रजाति रोड पर देखने को मिली जो आसानी से किसी चिड़ियाघर में देखने को भी नहीं मिलते हैं।

जब लोगों ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया तो वायु में प्रदूषण की इतनी ज्यादा गिरावट देखी गई थी कि जिसे देखने के बाद लोगों को स्वच्छ हवा का महत्व समझ में आया और महसूस हुआ।

इसके अलावा जो भी नदी नाले बहुत ज्यादा गंदे हुआ करते थे वह इतने ज्यादा स्वच्छ और साफ हो गए कि उन में तैरती हुई मछलियां साफ नजर आने लगी जिसका सबसे बड़ा उदाहरण हरिद्वार में बहती गंगा नदी है।

हाल ही में आई एक खबर के अनुसार यह बताया गया कि ओजोन परत में पहले जो कमी आ गई थी अब उसकी भरपाई धीरे-धीरे हो रही है विशेषज्ञों ने यह उम्मीद जताई कि ओजोन परत बहुत जल्द पहले जैसी होती हुई दिखाई दे सकती है।

यदि देखा जाए तो इन सब बातों से सिर्फ एक ही बात सामने आती है कि मनुष्य ने आज अपनी प्रकृति को इतना ज्यादा गंदा कर दिया है कि स्वच्छता क्या होती है उस बात का उन्हें शायद अंदाजा ही नहीं है परंतु प्रकृति ने भी इस लॉकडाउन से उन सभी परिस्थितियों की भरपाई आखिर इंसान से करवा ही ली।

लॉकडाउन के नुकसान

लॉक डाउन की परिस्थिति ने लोगों की जिंदगी को सुधारा भी तो काफी हद तक बिगाड़ भी दिया। जिस के कुछ मुख्य उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

लॉक डाउन की वजह से स्कूल कॉलेज और ऑफिस सब बंद हो गए जिसकी वजह से घर पर बैठे लोगों ने टाइम पास करने के लिए अपना सहारा मोबाइल, टीवी को बना लिया और दिन भर बच्चे बड़े और बूढ़े सिर्फ बस इसी में ही अपना दिन गुजारने लगे।

लॉक डाउन की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान हुआ क्योंकि अर्थव्यवस्था जिस प्रकार से सुचारू रूप से चल रही थी लॉक डाउन की वजह से वे सभी कार्य बंद हो गए।

इंटरनेशनल व्यापार को भी बहुत बड़ा नुकसान लॉक डाउन की वजह से हुआ।

सबसे बड़ा नुकसान देश के भविष्य को बनाने वाले विद्यार्थियों का हुआ क्योंकि उनका पूरा साल बर्बाद हो गया क्योंकि ना तो वे स्कूल जा सकते थे और ना ही कॉलेज।

दूसरे राज्यों में जाकर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को भी इस लॉकडाउन ने भूखे मरने पर मजबूर कर दिया।

बहुत से लोग ऐसे थे जिनकी आमदनी के साधन पूरी तरह बंद हो गए थे क्योंकि वह बहुत गरीब होने के साथ-साथ ऐसे थे जो रोज कमाने और खाने वाले काम किया करते थे, ऐसे में उनकी कमाई के सभी जरिए बंद हो चुके थे जिसके चलते उनके सर से छत भी छिन गई थी और खाने को दाना भी नहीं था।

अचानक लॉकडाउन की परिस्थिति की वजह से बहुत से लोग दूसरे देशों में अपने घरों से दूर और दूसरे राज्यों में भी फंस गए थे।

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