lockdown mai dincharya par nibandh class 7
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Revenue expenditure refers to those expenditures which are incurred during normal business operation by the company, benefit of which will be received in the same period and the example of which includes rent expenses, utility expenses, salary expenses, insurance expenses, commission expenses, manufacturing expenses, ...
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लॉकडाउन अर्थात तालाबंदी। इसके तहत सभी को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है जिसका सरकार की तरफ से कड़ाई से पालन भी करवाया जा रहा है। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस नामक महामारी मानव जाति के इतिहास में पहली बार आई है।
अब पूरा देश इस वायरस से लड़ने के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो गया है। इस महामारी के प्रकोप से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोशल डिस्टेंसिग यानी कि सामाजिक दूरी। यह संक्रमण एक से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है जिसके कारण भारत सरकार ने लॉकडाउन को ही इससे बचने के लिए आवश्यक कहा है।
अर्थात लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है, जो किसी आपदा या महामारी के वक्त लागू की जाती है। जिस इलाके में लॉकडाउन किया गया है, उस क्षेत्र के लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा और खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए ही बाहर आने की इजाजत मिलती है। लॉकडाउन के वक्त कोई भी व्यक्ति अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर नहीं निकल सकता।लॉकडाउन के फायदे- लॉकडाउन से पहले के समय की बात करें तो उस वक्त हम सभी अपने रोजमर्रा के कामों में इतना व्यस्त रहते थे कि अपनों के लिए, अपने परिवार के लिए व बच्चों के लिए कभी समय ही नहीं निकाल पाते थे और सभी की सिर्फ यही शिकायत रहती थी कि आज की दिनचर्या को देखते हुए समय किसके पास है? लेकिन लॉकडाउन से ये सारी शिकायतें खत्म हो गई हैं। इस दौरान अपने परिवार के साथ बिताने के लिए लोगों को बेहतरीन पल मिले हैं। कई प्यारी-प्यारी यादें इस दौरान लोग सहेज रहे हैं, अपने घर के बुजुर्गों केलॉकडाउन के दौरान बच्चों को अपने माता-पिता के साथ समय बिताने का मौका मिल रहा है, वहीं जो लोग खाना बनाने के शौकीन हैं, वो यूट्यूब के माध्यम से खाना बनाना भी सीख रहे। पुराने सीरियलों का दौर वापस आ गया है जिसका मजा लोग अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर ले रहे हैं और अपनी पुरानी यादों को वापस से जी रहे हैं। बच्चों के साथ वीडियो गेम्स, कैरम जैसे गृहखेल का बड़ों ने आनंद लिया। विद्यालयों में छुट्टी होने के कारण घर बैठकर शिक्षकों ने ऑनलाइन क्लासेज का सहारा लिया ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा में कोई रुकावट न आए।
लॉकडाउन के समय लोग अपने शौक को भी पूरा कर रहे हैं, क्योंकि उनको इसके लिए अपनी खुद की दबी इच्छाओं को पूरा करने का समय मिला है। जो लोग डांस सीखने के शौकीन थे और समय की कमी के कारण नृत्य कला को कहीं-न-कहीं खुद से दूर कर रहे थे, आज वे अपने इस हुनर को निखार रहे हैं। जिन्हें म्यूजिक का शौक है, वो म्यूजिक सीख रहे हैं, पेंटिग सीख रहे हैं। ऐसे कई शौक लॉकडाउन के दौरान वापस से जी रहे हैं।
लॉकडाउन के रहने से कोरोना वायरस, जिससे पूरा विश्व परेशान है, से छुटकारा पाया जा सकता है इसलिए यह हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। हमारा काम सिर्फ इतना है कि हमें इसका पालन पूरी ईमानदारी के साथ करना है, साथ ही लॉकडाउन से कोरोना वायरस के मरीजों में गिरावट आएगी और संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा। हमारे रोजमर्रा की जिंदगी की चीजों में कमी न हो इसलिए किराने की चीजें, फल, सब्जी, दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं।
लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण में कमी हुई है। अगर लॉकडाउन से पहले की बात करें तो उस समय कारखानों से निकलने वाला कचरा जल में प्रवाहित कर दिया जाता था, गाड़ियों के रास्तों पर दौड़ने से ध्वनि और वायु प्रदूषण हो रहे थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से इन सभी चीजों में कमी आई है और आज चिड़ियों की चहचहाहट हमारे आंगन में वापस से सुनाई दे रही है, जो कहीं खो-सी गई थी। नदियों का जल स्वच्छता की ओर अग्रसर हो रहा है।
लॉकडाउन रहने से कोरोना वायरस के मरीजों में गिरावट आएगी और संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी की चीजों में कमी न हो इसलिए किराने की चीजें, फल, सब्जी, दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं। लॉकडाउन से बड़े-बड़े कारखानों और वाहनों का चलना निषेध हो गया है। इससे एक अच्छी चीज हुई है, जो है प्रदुषण की कमी। कल-कारखाने का कचरा बाहर जल में प्रवाहित कर दिया जाता था। वायु, ध्वनि और जल प्रदूषण में गिरावट आई है, जो प्रकृति की दृष्टि से लाभदायक है।
लॉकडाउन के नुकसान- लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को बहुत नुकसान हुआ है, जो रोजमर्रा के काम से अपने घर का पेट पालते थे। आज उनके लिए एक वक्त की रोटी भी बहुत मुश्किल हो गई। कई मजदूर ऐसे हैं, जो भूखे पेट ही सो रहे हैं। अगर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान किसी को हुआ है तो वह है मजदूर, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।
लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हुआ है। कारखानों को बंद रखने के कारण भारी नुकसान वहन करना पड़ रहा है, वहीं व्यापार भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। लोगों की नौकरियां चली गई हैं जिसकी वजह से बेरोजगारी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। लॉकडाउन की वजह से देश आर्थिक रूप से कमजोर पड़ रहा है।
दिन-रात सिर्फ कोरोना से संबधित खबरें लोगों को मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं, जो उन्हें नकारात्मक कर रही हैं। पूरे दिन घर पर रहने और शारीरिक व्यायाम न होने से लोग खुद को स्वस्थ भी महसूस नहीं कर पा रहे हैं। बच्चे भी पूरे दिन घर पर रहकर चिड़चिड़ापन महसूस करने लगे हैं, क्योंकि वे बाहर खेलने हेतु अपने दोस्तों के साथ मिलने में असमर्थ हैं। कोरोना वायरस की खबरें लोगों को परेशान कर रही हैं जिससे कई लोग डिप्रेशन जैसी समस्या से भी जूझ रहे हैं। साथ समय बिता रहे हैं और रिश्तों में आई कड़वाहट को मिटा रहे हैं।