LOCKDOWN MEIN AAPNE JO BHI SEEKHA USKE BAARE MEIN ANUCHED LIKHO...
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लॉकडाउन से पहले के समय की बात करें तो उस वक्त हम सभी अपने रोजमर्रा के कामों में इतना व्यस्त रहते थे कि अपनों के लिए, अपने परिवार के लिए व बच्चों के लिए कभी समय ही नहीं निकाल पाते थे और सभी की सिर्फ यही शिकायत रहती थी कि आज की दिनचर्या को देखते हुए समय किसके पास है? लेकिन लॉकडाउन से ये सारी शिकायतें खत्म हो गई हैं। इस दौरान अपने परिवार के साथ बिताने के लिए लोगों को बेहतरीन पल मिले हैं। कई प्यारी-प्यारी यादें इस दौरान लोग सहेज रहे हैं, अपने घर के बुजुर्गों के साथ समय बिता रहे हैं और रिश्तों में आई कड़वाहट को मिटा रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान बच्चों को अपने माता-पिता के साथ समय बिताने का मौका मिल रहा है, वहीं जो लोग खाना बनाने के शौकीन हैं, वो यूट्यूब के माध्यम से खाना बनाना भी सीख रहे। पुराने सीरियलों का दौर वापस आ गया है जिसका मजा लोग अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर ले रहे हैं और अपनी पुरानी यादों को वापस से जी रहे हैं। बच्चों के साथ वीडियो गेम्स, कैरम जैसे गृहखेल का बड़ों ने आनंद लिया। विद्यालयों में छुट्टी होने के कारण घर बैठकर शिक्षकों ने ऑनलाइन क्लासेज का सहारा लिया ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा में कोई रुकावट न आए।
लॉकडाउन के समय लोग अपने शौक को भी पूरा कर रहे हैं, क्योंकि उनको इसके लिए अपनी खुद की दबी इच्छाओं को पूरा करने का समय मिला है। जो लोग डांस सीखने के शौकीन थे और समय की कमी के कारण नृत्य कला को कहीं-न-कहीं खुद से दूर कर रहे थे, आज वे अपने इस हुनर को निखार रहे हैं। जिन्हें म्यूजिक का शौक है, वो म्यूजिक सीख रहे हैं, पेंटिग सीख रहे हैं। ऐसे कई शौक लॉकडाउन के दौरान वापस से जी रहे हैं।
लॉकडाउन के रहने से कोरोना वायरस, जिससे पूरा विश्व परेशान है, से छुटकारा पाया जा सकता है इसलिए यह हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। हमारा काम सिर्फ इतना है कि हमें इसका पालन पूरी ईमानदारी के साथ करना है, साथ ही लॉकडाउन से कोरोना वायरस के मरीजों में गिरावट आएगी और संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा। हमारे रोजमर्रा की जिंदगी की चीजों में कमी न हो इसलिए किराने की चीजें, फल, सब्जी, दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं।
लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण में कमी हुई है। अगर लॉकडाउन से पहले की बात करें तो उस समय कारखानों से निकलने वाला कचरा जल में प्रवाहित कर दिया जाता था, गाड़ियों के रास्तों पर दौड़ने से ध्वनि और वायु प्रदूषण हो रहे थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से इन सभी चीजों में कमी आई है और आज चिड़ियों की चहचहाहट हमारे आंगन में वापस से सुनाई दे रही है, जो कहीं खो-सी गई थी। नदियों का जल स्वच्छता की ओर अग्रसर हो रहा है।
लॉकडाउन रहने से कोरोना वायरस के मरीजों में गिरावट आएगी और संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी की चीजों में कमी न हो इसलिए किराने की चीजें, फल, सब्जी, दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं। लॉकडाउन से बड़े-बड़े कारखानों और वाहनों का चलना निषेध हो गया है। इससे एक अच्छी चीज हुई है, जो है प्रदुषण की कमी। कल-कारखाने का कचरा बाहर जल में प्रवाहित कर दिया जाता था। वायु, ध्वनि और जल प्रदूषण में गिरावट आई है, जो प्रकृति की दृष्टि से लाभदायक है।