lok prasasan ki padhyati ki byakhya kijiye
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लोक प्रशासन का सम्बन्ध सार्वजनिक नीति के निर्माण, क्रियान्वयन से है। यह नीति विज्ञान और प्रक्रिया होती है। प्रशासन एक सार्वलौकिक क्रिया है जिसे समस्त प्रकार के समूह प्रयत्नों में देखा जा सकता है, चाहे वह समूह परिवार, राज्य या अन्य सामाजिक संघ हो। लोक प्रशासन का सम्बन्ध विशिष्ट रूप से सरकारी क्रियाकलापों से है।
Answer:
लोक प्रशासन का सम्बन्ध सार्वजनिक नीति के निर्माण, क्रियान्वयन से है। यह नीति विज्ञान और प्रक्रिया होती है। प्रशासन एक सार्वलौकिक क्रिया है जिसे समस्त प्रकार के समूह प्रयत्नों में देखा जा सकता है, चाहे वह समूह परिवार, राज्य या अन्य सामाजिक संघ हो। लोक प्रशासन का सम्बन्ध विशिष्ट रूप से सरकारी क्रियाकलापों से है।
Explanation:
परम्परागत दृष्टिकोण- इसके अन्तर्गत निम्नलिखित दृष्टिकोणों का अध्ययन किया जायेगा। 1. दार्शनिक दृष्टिकोण- लोक प्रशासन के अध्ययन का यह सबसे प्राचीन उपागम है।
लोक प्रशासन प्रत्येक राज्य का एक अनिवार्य लक्षण है, चाहे वह पूंजीवादी है, समाजवादी हो या अधिनायकवादी हो और इनमें से प्रत्येक में उसकी भूमिका अधिकाधिक महत्व की है क्योंकि राज्य का दर्शन प्रत्येक प्रणाली में व्यक्तिवादी के स्थान पर सामुदायिक, अहस्तक्षेप से हस्तक्षेपनीय और नियामक से जनहितकारी हो गया है ।
(इन विचारों को ही 'नवीन लोक प्रशासन' की संज्ञा दी गई । सन् 1967 में 'हनी प्रतिवेदन' के प्रकाशन के साथ ही 'नवीन लोक प्रशासन' को मान्यता मिली । तदुपरान्त नवीन लोक प्रशासन को आगे बढ़ाने में 'लोक प्रशासन के सिद्धान्त एवं व्यवहार' पर सम्मेलन (1967); मिन्नोब्रुक सम्मेलन (1968) की उल्लेखनीय भूमिका रही ।) this bracket para. is not much important .
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