Lok Sabha dwara parit Dhan vidheyak Rajya Sabha corporate Wapas karna padta hai
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जब कोई प्रस्ताव संसद में कानून बनाने के लिए रखा जाता है, तो उसे विधेयक कहते हैं. विधेयक भी दो प्रकार का होता है – साधारण विधेयक (ordinary bill) और धन विधेयक (money bill). दोनों विधेयकों में अंतर है. धन विधेयक (money bill) को छोड़कर अन्य विधेयक साधारण विधेयक (ordinary bill) कहे जाते हैं. अतः, धन विधेयकों को समझ लेने के बाद दोनों का अंतर स्पष्ट हो जायेगा. धन विधेयक उस विधेयक को कहते हैं जिसका सम्बन्ध संघ की आय, व्यय, निधियों, हिसाब-किताब और उनकी जाँच इत्यादि से हो. निम्नलिखित विषयों से सम्बन्ध विधेयकों धन विधेयकों होते हैं –
कर लगाने, घटाने, बढ़ाने या उसमें संशोधन करने इत्यादि से सम्बन्ध विधेयक.
ऋण या भारत सरकार पर आर्थिक भार डालने की व्यवस्था से
भारत की संचित या आकस्मिक निधि को सुरक्षित रूप से रखने या उसमें से धन निकालने की व्यवस्था से
भारत की संचित निधि पर किसी व्यय का भार डालने या उसमें से किसी व्यय के लिए धन की स्वीकृति देने से
सरकारी हिसाब में धन जमा करने या उसमें से खर्च करने, उसकी जाँच करने आदि से
कोई विधेयक धन विधेयक (money bill) है या नहीं, इसका निर्णय करने का अधिकार लोक सभा के अध्यक्ष को प्राप्त है.
साधारण और धन (ordinary and money bill), दोनों तरह के विधेयकों को पारित करने की प्रक्रिया संसद में अलग-अलग है.
कर लगाने, घटाने, बढ़ाने या उसमें संशोधन करने इत्यादि से सम्बन्ध विधेयक.
ऋण या भारत सरकार पर आर्थिक भार डालने की व्यवस्था से
भारत की संचित या आकस्मिक निधि को सुरक्षित रूप से रखने या उसमें से धन निकालने की व्यवस्था से
भारत की संचित निधि पर किसी व्यय का भार डालने या उसमें से किसी व्यय के लिए धन की स्वीकृति देने से
सरकारी हिसाब में धन जमा करने या उसमें से खर्च करने, उसकी जाँच करने आदि से
कोई विधेयक धन विधेयक (money bill) है या नहीं, इसका निर्णय करने का अधिकार लोक सभा के अध्यक्ष को प्राप्त है.
साधारण और धन (ordinary and money bill), दोनों तरह के विधेयकों को पारित करने की प्रक्रिया संसद में अलग-अलग है.
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