Hindi, asked by bidulasingh7, 1 year ago

Long essay on mahanagaria Jeevan vardaan hai ya abhishaap

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Answered by hr1
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महानगरों का जीवन भागमभाग से भरा है। सब एक दूसरे को पीछे छोड़ना चाहते हैं। अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए अधिक से अधिक सुख-सविधाएँ जुटाने के चक्कर में वह तनाव का शिकार हो रहा है। सुबह आफिस से लेकर रात को घर आने तक उसे हज़ार प्रकार की समस्याएं घेरी रहती हैं। ये सब बातें उसके तनाब में दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ोतरी करती है। इनसे कैसे निपटाया जाए इसी चक्कर में वह उलझा रहता है। इस कारण उसका मस्तिष्क कभी आराम नहीं पाता है। काम ज्यादा और नींद कम हो गई है। बस उसे यही चिंता होती है कि समय कम न पड़ जाए। अपने स्वास्थ्य को भुलाकर वह कार्य करता रहता है। उसे अपने व परिवार के लिए प्रर्याप्त समय नहीं मिल पाता है, जोकि अच्छा नहीं है। परिणाम मानसिक बीमारियाँ। गाँव में स्थिति इससे अलग है। गाँवों कड़ा परिश्रम है और सुख-सुविधाएँ कम हैं परन्तु मनुष्य का जीवन संतोष से भरा है। जिसके पास जितना है वह उतने में भी सुखी है। अतः उनमें तनाव की स्थिति बहुत विकट परिस्थितियों में ही आती है। लेकिन वह भी उससे निकल जाता है। महानगरीय जीवन में यह संभव नहीं होता है। इसलिए यहाँ का जीवन तनावों से भरा रहता है।
Answered by ArchitSinha369
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Long essay on mahanagaria Jeevan vardaan hai ya abhishaap

Report by Bidulasingh7 19.04.2017

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hr1

Hr1

महानगरों का जीवन भागमभाग से भरा है। सब एक दूसरे को पीछे छोड़ना चाहते हैं। अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए अधिक से अधिक सुख-सविधाएँ जुटाने के चक्कर में वह तनाव का शिकार हो रहा है। सुबह आफिस से लेकर रात को घर आने तक उसे हज़ार प्रकार की समस्याएं घेरी रहती हैं। ये सब बातें उसके तनाब में दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ोतरी करती है। इनसे कैसे निपटाया जाए इसी चक्कर में वह उलझा रहता है। इस कारण उसका मस्तिष्क कभी आराम नहीं पाता है। काम ज्यादा और नींद कम हो गई है। बस उसे यही चिंता होती है कि समय कम न पड़ जाए। अपने स्वास्थ्य को भुलाकर वह कार्य करता रहता है। उसे अपने व परिवार के लिए प्रर्याप्त समय नहीं मिल पाता है, जोकि अच्छा नहीं है। परिणाम मानसिक बीमारियाँ। गाँव में स्थिति इससे अलग है। गाँवों कड़ा परिश्रम है और सुख-सुविधाएँ कम हैं परन्तु मनुष्य का जीवन संतोष से भरा है। जिसके पास जितना है वह उतने में भी सुखी है। अतः उनमें तनाव की स्थिति बहुत विकट परिस्थितियों में ही आती है। लेकिन वह भी उससे निकल जाता है। महानगरीय जीवन में यह संभव नहीं होता है। इसलिए यहाँ का जीवन तनावों से भरा रहता है।

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