Long essay on swatantrata ka mahatva in hindi
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Explanation:
Swatantrata ka Mahatva
पराधीन व्यक्ति कभी सपने में भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता। यदि पराधीनता सबसे बड़ा दुख है तो स्वतंत्रता | सबसे बड़ा सख। हितोपदेश में तो यहाँ तक कहा गया है कि यदि परतंत्र व्यक्ति जीवित है, तो फिर मत कौन है। कहने का भाव यह है कि परतंत्र व्यक्ति मरे हुए व्यक्ति के समान है। स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। मनुष्य को छोड पश भी स्वतंत्र रहना चाहता है। स्वतंत्र देश ही उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है, क्योंकि उसे सोचने, बोलने तथा हर प्रकार के कार्य करने की स्वतंत्रता होती है, लेकिन भारत का यह दुर्भाग्य रहा है कि उसने 200 साल तक पराधीनता का दुख भोगा। इसलिए पराधीन देश की औद्योगिक, वैज्ञानिक, वैचारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति रुक गयी। पराधीन व्यक्ति स्वयं निर्णय नहीं ले पाता। उसका सर्वांगीण विकास रुक जाता है। पराधीन व्यक्ति अकर्मण्य हो। जाता है, क्योंकि उसमें आत्मविश्वास खत्म हो जाता है तथा मनुष्य की सृजनात्मक क्षमता भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। वियोगी हरि ने भी पराधीनता को सबसे अधिक दुखमय माना है
पराधीन जे जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेत।
पराधीन जे जन, नहीं स्वर्ग-नरक ता हेत।।
Answer:
प्रस्तावना
स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त, भारत के नागरिकों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह वह दिन है जो हमे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है। यह हमारे अंदर देशभक्ति की भावना के साथ देश के लिए कुछ कर दिखाने की भावना को भी उत्तेजित करता है।
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान
भारत दशकों से ब्रिटिश शासन के अधीन था। उस दौरान अंग्रेजों के अत्याचार समय के साथ बढ़ते चले जा रहे थे। बाल गंगाधर तिलक, शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू, रानी लक्ष्मी बाई और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में, भारत के नागरिको ने एकजुट होकर अपनी आजादी के लिए संघर्ष किया। स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व द्वारा बहुत से आंदोलनों, स्वतंत्रता संग्रामों की शुरुआत की गई। इन आंदोलनों के कारण कई लोगों को अपने प्राणों की आहुती देनी पड़ी तो कईयों को जेल जाना पड़ा, हालांकि, फिर भी लोगों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने की अपनी इस भावना को नहीं छोड़ा। स्वतंत्रता दिवस पर यह हमें उनके उन बलिदानों की याद दिलाता है और हमारे देश के नागरिकों के लिए विशेष महत्व रखता है।
आजादी का जश्न मनाएं पर सादगी के साथ
स्वतंत्रता दिवस को हमारे आजादी के जश्न मनाने के लिए एक विशेष दिन के रुप में मनाया जाता है। भारत के नागरिक तथा स्वतंत्रता सेनानियों ने इस दिन हमारे देश को अंग्रेजो के अत्याचार से मुक्त कराने के लिए कड़ी मेहनत की थी।
इसलिए यह दिन हमें हमारी सादगी और वास्तविकता के करीब होने के महत्व की भी याद दिलाता है। यह हमे ऊंचे उड़ान भरने और स्वतंत्र महसूस करने के बावजूद भी बुनियादी रहने के लिए प्रेरित करता हैं।
निष्कर्ष
भारत के लोग उन लोगों के आभारी हैं जिन्होंने अपने देश की आजादी में अपना योगदान दिया। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को हम भारतीय स्वतंत्रता दिवस मनाते आजादी, जो हमारी इतनी कठिनतापूर्वक प्राप्त आजादी को दर्शाता हैं, इसीलिए यह दिन हर भारतीय के लिए विशेष महत्व रखता है।