Lord ब्रम्हा की पूजा kyu nhi ki jati ओर इनका मंदिर kyo nhi h?
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नमस्ते बंधु
प्रभु ब्रह्मा की पूजा इसलिए नहीं होती क्योंकि इन्होंने अपने पहले ही इंतेहान में झूठ बोला था जब इनका जन्म हुआ तो इन्होंने देवों के देव महादेव से झूठ बोला था महादेव ने ब्रह्मा और विष्णु दोनों को एक अनंत लता का अंत पता करने को भेजा ब्रह्मा को ऊपर की ओर जाने वाला और विष्णु को नीचे की ओर ब्रह्मा उस लत का अंत पता करने ऊपर की ओर निकल पड़े तभी वह ऊपर चलते चलते थक गए और उन्हें उन्होंने एक पुष्प देखा और उस उस उस उस से पूछा क्या यह लता का अंतिम छोर है उस उसने बोला हां तो ब्रह्मा सोचे अब तो मुझे ऊपर जाने की आवश्यकता नहीं तो मैं इस पुश को यही साक्षी मान लेता हूं और नीचे की ओर चलता हूं तो फिर ब्रह्मा नीचे पहुंचे जहां महादेव उन्होंने महादेव से कहा कि मैंने उसका पता लगा लिया है इसका अंतिम छोर ऊपर की और एक उसके पास है पुष्प के पास है तो महादेव ने नारायण को भी बुलाया नीचे से और बोला क्या आपको इस लता का छोरा नारायण ने बोला नहीं तो लॉर्ड शिवा ब्रह्मा से बहुत नाराज हुए और उन्होंने उन्हें क्रोध में श्राप दे दिया कि आज से तुम्हारी कोई पूजा नहीं होगी और तुम्हारा कोई मंदिर भी नहीं बनाएगा क्योंकि तुम तुम ने अपने पहले ही परीक्षा में झूठ का सहारा लिया और एक बात और बंधु लॉर्ड ब्रह्मा का भारतवर्ष में भारत देश में एक मात्र एक ही मंदिर है जो कि राजस्थान के पुष्कर में है यह मंदिर बहुत ही पवित्र माना जाता है इस मंदिर के पास एक कुंजी है पूरे भारत में ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर यहीं पर विद्यमान है
यह पूरी कथा मैंने अपने दादाजी को एक अध्यात्मिक पुस्तक में पढ़ते सुना और उनसे इसका पूरा मतलब जानने की कोशिश की
धन्यवाद