Hindi, asked by raghav4316, 3 months ago

Loudspeaker se hone waali pareshani pr Patr likho.

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Answered by sneha1526
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सेवा में ।

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,जिला मेहरौली,

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,जिला मेहरौली,

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,जिला मेहरौली, नई दिल्ली-44

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,जिला मेहरौली, नई दिल्ली-44महोदय,

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,जिला मेहरौली, नई दिल्ली-44महोदय, हम बदरपुर क्षेत्र के दसवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं। हम आपका ध्यान अपने पास-पड़ोस के ध्वनि-प्रदूषण के तत्वों के विषय में आकर्षित करना चाहते हैं। इस सम्बन्ध में यह कहना है कि हम लोगों के आस-पास कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो समय-असमय अपनी । नासमझी का परिचय देते रहते हैं। इस दृष्टि से ये सदैव अशान्त वातावरण बनाए रखते हैं। इसके लिए ये कभी-कभी गाने-बजाने का कार्यक्रम करते रहते हैं तो कभी-कभी वैसे ही जोर-जोर से चिल्लाते रहते हैं। इससे पठन-पाठन, अध्ययन-मनन में काफी बाधा खड़ी हो जाती हैं। इससे परेशान होकर जब हम उन्हें अपनी बात रखकर समझाने की कोशिश करते हैं, तो इससे वे लड़ने-झगड़ने लगते हैं। यही नहीं वे और तेज़ गाने-बजाने लगते हैं या लाउड-स्पीकर, रेडियो, टेलीविजन, टेपरिकार्डर चलाने लगते हैं। फलतः हम लोगों का अध्ययन-मनन, पठन-पाठन आटि अधर में लटक जाता है।

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,जिला मेहरौली, नई दिल्ली-44महोदय, हम बदरपुर क्षेत्र के दसवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं। हम आपका ध्यान अपने पास-पड़ोस के ध्वनि-प्रदूषण के तत्वों के विषय में आकर्षित करना चाहते हैं। इस सम्बन्ध में यह कहना है कि हम लोगों के आस-पास कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो समय-असमय अपनी । नासमझी का परिचय देते रहते हैं। इस दृष्टि से ये सदैव अशान्त वातावरण बनाए रखते हैं। इसके लिए ये कभी-कभी गाने-बजाने का कार्यक्रम करते रहते हैं तो कभी-कभी वैसे ही जोर-जोर से चिल्लाते रहते हैं। इससे पठन-पाठन, अध्ययन-मनन में काफी बाधा खड़ी हो जाती हैं। इससे परेशान होकर जब हम उन्हें अपनी बात रखकर समझाने की कोशिश करते हैं, तो इससे वे लड़ने-झगड़ने लगते हैं। यही नहीं वे और तेज़ गाने-बजाने लगते हैं या लाउड-स्पीकर, रेडियो, टेलीविजन, टेपरिकार्डर चलाने लगते हैं। फलतः हम लोगों का अध्ययन-मनन, पठन-पाठन आटि अधर में लटक जाता है।अतः आपसे सादर प्रार्थना है कि आप उपर्युक्त अवांछनीय और असामाजिक तत्वों । द्वारा उत्पन्न किए जा रहे ध्वनि-विस्तारक (साउन्ड-स्पीकर) पर प्रतिबन्ध लगाते हुए उन्हें उचित सजा दें, ताकि भविष्य में वे फिर सिर न उठा सके।

सेवा में ।जिलाधीश महोदय, बदरपुर,जिला मेहरौली, नई दिल्ली-44महोदय, हम बदरपुर क्षेत्र के दसवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं। हम आपका ध्यान अपने पास-पड़ोस के ध्वनि-प्रदूषण के तत्वों के विषय में आकर्षित करना चाहते हैं। इस सम्बन्ध में यह कहना है कि हम लोगों के आस-पास कुछ ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो समय-असमय अपनी । नासमझी का परिचय देते रहते हैं। इस दृष्टि से ये सदैव अशान्त वातावरण बनाए रखते हैं। इसके लिए ये कभी-कभी गाने-बजाने का कार्यक्रम करते रहते हैं तो कभी-कभी वैसे ही जोर-जोर से चिल्लाते रहते हैं। इससे पठन-पाठन, अध्ययन-मनन में काफी बाधा खड़ी हो जाती हैं। इससे परेशान होकर जब हम उन्हें अपनी बात रखकर समझाने की कोशिश करते हैं, तो इससे वे लड़ने-झगड़ने लगते हैं। यही नहीं वे और तेज़ गाने-बजाने लगते हैं या लाउड-स्पीकर, रेडियो, टेलीविजन, टेपरिकार्डर चलाने लगते हैं। फलतः हम लोगों का अध्ययन-मनन, पठन-पाठन आटि अधर में लटक जाता है।अतः आपसे सादर प्रार्थना है कि आप उपर्युक्त अवांछनीय और असामाजिक तत्वों । द्वारा उत्पन्न किए जा रहे ध्वनि-विस्तारक (साउन्ड-स्पीकर) पर प्रतिबन्ध लगाते हुए उन्हें उचित सजा दें, ताकि भविष्य में वे फिर सिर न उठा सके।

सधन्यवाद

hope it will be helpful for you....

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