Hindi, asked by khushimauli08, 10 hours ago

-<br />विषय-हिंदी<br />(पी. ए-2 परीक्षा)<br />कक्षा-दसवीं<br />अंक-30<br />1.अपठित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-<br />इतना कुछ है भरा विभव का कोष प्रकृति के भीतर<br />निज इचिपत सुख-भोग सहज ही पासकते नारी नर।<br />सब हो सकते तुष्ट एक- साथ सब सुख पा सकते हैं<br />चाहे तो पल में धरती को स्वर्ग बना सकते हैं।<br />छिपा दिए गए सब तत्व आवरण के नीचे ईश्वर ने<br />संघर्षों से खोज निकाला उन्न उद्यमी नर ने<br />बहमा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं लाया है<br />अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है।<br />प्रकृति नहीं डरकर झुकती है कभी भाग्य के बल से<br />सदा हारती है वह मनुष्य के उद्यम से श्रम जल से।<br />भाग्यवाद आवरण पाप का और अस्त्र शोषण का जिससे रखता दबा एक जन भाग दूसरे जन का।<br />एक मनुज संचित करता है अर्थ पाप के बल से<br />और भोगता उसे दूसरा भोग्यवाद के छह से।<br />नर- समाज का भाग्य एक है वह श्रम, वह भुजबल है जिसके सम्मुख झुकी हुई पृथ्वी, विनीत नभ तल<br />।<br />उपरोक्त अपठित काव्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दें<br />(1x5 अंक)<br />1. ईश्वर के द्वारा प्रकृति के भीतर छुपाया खजाना क्या है?<br />2. ईश्वर के छिपाए कोष को मनुष्य कैसे प्राप्त कर सकता है ?इसमें भाग्य की क्या सहायता मिलती<br />3. भाग्यवाद और शोषण को कवि ने कैसे समझाया है?<br />4. कवि के अनुसार मानव समाज का भाग्य क्या है ?उसकी क्या शक्ति है?<br />5. 'अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है। पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।<br />2. निम्नलिखित विषयों पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर 80-100शब्दों में अनुच्छेद<br />लिखिए।(कोई एक)।<br />(4 अंक)<br />*सत्संगति<br />. निम्नलिखित में से सत्संगति का अर्थ<br />सत्संगति का महत्व<br />सत्संगति कुसंगति से हानि।<br />.<br />.<br />अनुशासन क्यों?<br />• अर्थ<br />. आवश्यकता​

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Answered by rishabhsingh282
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